बस्ती संदेश महल समाचार
उत्तर प्रदेश सरकार जब अपने आठ साल पूरे होने का जश्न मना रही थी और इसे ‘सेवा, सुरक्षा और सुशासन दिवस’ के रूप में प्रचारित कर रही थी,ठीक उसी दिन बस्ती जिले में पुलिस की बर्बरता की एक भयावह तस्वीर सामने आई।
आरोप है कि मात्र 5000 रुपये के लिए दो पुलिसकर्मियों ने 17 साल के आदर्श उपाध्याय को इस कदर टॉर्चर किया कि उसकी मौत हो गई।
यह मामला बस्ती जिले के दुबौलिया थाना क्षेत्र के उभाई गांव का है। सोमवार को आदर्श एक दुकान से खैनी खरीदने गया था, जहां मामूली विवाद हुआ। लेकिन तभी वहां पहुंची पुलिस ने उसे पकड़ लिया और थाने ले गई फिर जो हुआ, वो किसी दुखद कहानी से कम नहीं…
पूरी रात उसे थर्ड डिग्री दी गई, बेरहमी से पीटा गया? अगले दिन सुबह जब उसके मुंह से खून निकलने लगा, तब जाकर पुलिसकर्मियों ने उसे मरने के लिए घर के बाहर फेंक दिया और खुद भाग निकले?
परिवार जब आदर्श की हालत देख अस्पताल लेकर भागा, तब तक बहुत देर हो चुकी थी… डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया?
गुस्से में उबलते गांववालों ने पुलिस के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया? पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया।विपक्ष ने सरकार पर कानून व्यवस्था ध्वस्त होने के आरोप लगाए और कहा कि “जो काम पहले 500 में होता था, अब 5000 में हो रहा है।
हालात इतने बिगड़ गए कि कई थानों की पुलिस फोर्स और दो डीएसपी मौके पर तैनात किए गए? अब प्रशासन कार्रवाई का भरोसा दे रहा है, लेकिन सवाल यह है— क्या सच में न्याय मिलेगा? या फिर फिर से कोई निर्दोष यूं ही मर जाएगा?