रामनगर बस स्टॉप पर परिवाहन विभाग की बसों के न रुकने के कारण यात्रियों को परेशानी

रामकुमार मौर्य
बाराबंकी संदेश महल समाचार

रामनगर बाराबंकी। रामनगर चौराहे पर बस अड्डा होते हुए भी इधर से गुजरने वाली परिवहन विभाग की बसें बहुत कम रूकती है ।जिससे आने जाने वाले यात्रियों को मजबूरी बस प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। समाचार विवरण के अनुसार रामनगर चौराहे पर बहराइच, गोंडा ,बलरामपुर, उतरौला से आने वाली बसें सुबह शाम बिल्कुल नहीं रुकती है। जिससे यात्रियों को घंटों इंतजार करने के बाद प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ता है ।जबकि रामनगर चौराहे पर परिवहन विभाग का बस अड्डा बना हुआ है। जहां पर प्राप्त मात्रा मेबसों के ठहराव के लिए जगह है। फिर भी इधर से आने वाली बसें बस अड्डे पर न जाकर चौराहे पर इधर-उधर रुक जाती हैं ।जिसके चलते चौराहे पर जाम लग जाता है और बस में बैठने के चक्कर में यात्रियों के भागदौड़ के चलते वाहनों से दुर्घटना होने की संभावना भी बनी रहती है ।अगर कोई महिला बस में चढ़ना चाहती है तो बड़ी मुश्किल से उसे चढ़ने का मौका मिल पाता है ।अगर उसके पास झोला और बच्चे साथ में है तो वह महिला बस में नहीं चढ पाती है। ऐसी स्थिति में कई महिलाएं बस के चक्कर में चोट भी खा गई हैं। परिवहन विभाग के अधिकारी इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं देते हैं। बाराबंकी ,लखनऊ ,कानपुर की तरफ से आने वाली बसें बस अड्डे तक जाती हैं और बहराइच, गोंडा बलरामपुर ,उतरौला की ओर से आने वाली बसें मुख्य चौराहे पर रुक जाती हैं। ऐसी स्थिति में सवारियों को बसों पर चढ़ना बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ जाता है। इसके अलावा सुबह के समय में यहां से काफी संख्या में नौकरी पेशा वाले और पढ़ने वाले विद्यार्थी यहां से प्रतिदिन आते जाते रहते हैं। लेकिन बस के चालाक बस को कभी-कभी इन सवारियों को देखकर नहीं रोकते हैं। अगर कोई बस सवारी के हाथ देने पर रुक जाती है तो परिचालक कहते हैं की बीच के सवारी नहीं लेंगे ।क्योंकि हमें चारबाग जाना है। जबकि बाराबंकी बाईपास से सभी बसें हाईवे होकर जाती है। लेकिन मसौली ,बाराबंकी की सवारी नहीं बैठती हैं ।बहुत सी इस मार्ग से गुजरने वाली ऐसी बसे हैं जिनमें यात्रियों के बैठने की जगह होती है ।फिर भी यात्रियों को बस के परिचालक नहीं बैठ।ते आते हैं। और जो यात्री रामनगर चौराहे पर उतरना चाह रहा है उसे चौराहे से पहले या बाद काफी दूरी पर उतार देते हैं ।इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है ।जबकि यही बसें ढाबों पर घंटों खड़ी रहती हैं। बस में बैठे यात्री जल्दी चलने के लिए चिल्लाते रहते हैं ।लेकिन बस के चालक परिचालक बिल्कुल यात्रियों की बात पर ध्यान नहीं देते हैं।

error: Content is protected !!