रिपोर्ट
रिपोर्ट दियंश कुमार
लखीमपुर-खीरी संदेश महल समाचार
शहर के हर चौराहे पर ऑटो और ई-रिक्शा चालकों का राज है। बेतरतीब ढंग से खड़े इन वाहनों से चौड़ी सड़क पतली गलियों में तब्दील हो जाती है। यही नहीं, चालक बीच सड़क पर कब और कहां ऑटो रोक दें और किधर मुड़ जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता। बेअंकुश इन ई-रिक्शा चालकों के कारण लगातार दुर्घटना का खतरा बना रहता है। शहर में करीब चार हजार ई-रिक्शा और ऑटो हैं, जिन्होंने जगह-जगह अघोषित स्टैंड बना रखे हैं। शहर से खीरी, महेवागंज, फूलबहेड़ आदि स्थानों के लिए भी टेंपो चलते हैं। शहर के हीरालाल धर्मशाला, रेलवे स्टेशन के सामने, संकटा देवी चौराहा, सौजन्या चौराहा, राजापुर चौराहा पर चालक मनमाने तरीके से बेतरतीब ऑटो खड़ा कर देते हैं, जिससे पैदल निकलने वालों को भी काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा मुश्किल हीरालाल धर्मशाला चौराहा, रेलवे स्टेशन और संकटा देवी चौराहा के पास उठानी पड़ती है। इन स्थानों पर बराबर से इतने ऑटो खड़े कर दिए जाते हैं कि करीब 45 फुट चौड़ी सड़क भी संकरी हो जाती है। यही हाल तिकुनियां और पलिया निजी बसअड्डे के पास का है। चालक लापरवाही से वाहन को चलाने से बाज नहीं आते हैं। साइकिल और बाइक सवार इनके पास से निकलने में भी घबराते हैं। आए दिन टकराने के कारण साइकिल और बाइक सवारों से इनकी मारपीट की घटनाएं भी सामने आती हैं।
हीरालाल धर्मशाला हो, संकटा देवी चौराहा या फिर मेला मैदान चौराहा। इन सभी स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस के होमगार्ड तैनात रहते हैं। साथ ही ट्रैफिक सिपाहियों की भी ड्यूटी रहती है, लेकिन इनकी नजर सड़क जाम करने वाले इन टेंपो चालकों पर नहीं पड़ती। ओवरब्रिज के नीचे तो ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी कुर्सियों पर बैठकर आराम फरमाते नजर आते हैं।
जाम की बड़ी वजह हैं ऑटो और रिक्शा
शहर में जाम लगने की प्रमुख वजह ऑटो रिक्शा हैं। इनके आड़े-तिरछे खड़े होने से जाम की स्थिति बनी रहती है। प्रशासन को कठोर कदम उठाना चाहिए।