लग्जरी वाहनों में लगे माननीयों के हूटर और डग्गामार वाहन उड़ा रहे याता यात माह की धज्जियां

रिपोर्ट
विनोद कुमार दूबे
संतकबीरनगर संदेश महल समाचार

पुलिस अधीक्षक डॉक्टरों की उदासीनता कहे या उनके मातहतों के लापरवाही के चलते जनपद में यातायात माह का कोई असर नहीं दिख रहा है केवल अपने कप्तान का आदेश का पालन करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी केवल दो पहिया वाहनों के चालान तक ही यातायात माह को सीमित कर दिए हैं वहीं डग्गामार वाहनों द्वारा सड़क पर भर रहे फर्राटे और माननीयों के हूटर से आम जनमानस में चर्चाओं का बाजार गर्म है तो जागरूकता और प्रचार प्रसार के तहत गोष्टी और कार्यक्रम में खर्च होने वाले भारी-भरकम बजट को कागदी घोड़ा दौड़ा कर पचाने का प्रयास किया जा रहा है बताते चलें कि यातायात माह प्रत्येक वर्ष नवंबर माह में मनाया जाता है देश में हो रहे सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए शासन का एक महत्वपूर्ण प्रयास होता है नवंबर माह में जहां पुलिस डग्गामार वाहनों का चालान करती है वही लोगों को ट्रैफिक नियम का पालन करने के साथ-साथ तमाम गोष्ठियों का भी आयोजन करती है जिसके लिए शासन द्वारा प्रत्येक जनपद पुलिस को भारी भरकम रकम भी दिया जाता है लेकिन संत कबीर नगर जनपद में नवंबर महीना लगभग एक तिहाई खत्म हो चुका है लेकिन कहीं भी इसका असर नहीं दिख रहा है 10 दिन बीत जाने के बाद भी कहीं भी जागरूकता कार्यक्रम नहीं किया गया जिस से बेखौफ होकर युवा सड़कों पर 3 सवारी बैठाकर फर्राटा भर रहे हैं तो वही खटारा और जर्जर बसे यातायात माह को मुंह चिढ़ा रही है आम जनमानस का कहना है कि पुलिस आदेश होने पर केवल दो पहिया बहनों को ही अपना निशाना बनाती है क्योंकि वह जानती है कि चार पहिया वाहन रोकने पर उनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है वही डग्गामार वाहनों से मिलने वाले हर महीने मोटी रकम की वजह से पुलिस उन पर हाथ नहीं डालती सबसे गंभीर बात तो यह है कि वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों को लाल बत्ती लगाने से मना कर दिया और उसका पालन करने के लिए हर मंत्री ने अपने प्रधानमंत्री का निर्देश माना है लेकिन कुछ माननीय अभी भी अपने लग्जरी वाहनों में शूटर लगाकर भीड़ भाड़ एरिया में अपना भोकाल टाइट करने में लगे हुए हैं जिसे रोकने में भी पुलिस के पसीने छूट जा रहे हैं क्षेत्र निवासी संतराम बलिंदर दीपक सुलेमान सुरेंद्र दिनेश राय अनुज शुक्ला प्रदीप शुक्ला रविंद्र सिंह आदि लोगों ने बताया कि इस बार पुलिस की उदासीनता के चलते यातायात माह का कोई ऐसा क्षेत्र में नहीं दिख रहा है खैर जो भी हो एक तिहाई समय बीतने के बाद भी पुलिस चकरी नहीं हुई आने वाले समय में क्या होगा इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।

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