वैज्ञानिक पद्धति से होगी दुधवा की नदियों में डॉल्फिन,मगरमच्छ,घड़ियालों की गणना

 

रिपोर्ट/ दियंश कुमार
लखीमपुर-खीरी/ संदेश महल समाचार

दुधवा टाइगर रिजर्व क्षेत्र से होकर बहने वाली गेरूआ,घाघरा,शारदा और कौड़ियाला नदियों में अब वैज्ञानिक पद्धति से दुर्लभ डॉल्फिन की गणना की जाएगी। भारतीय वन्यजीव संस्थान इन नदियों का सर्वे करने के बाद वैज्ञानिक गणना शुरू करने की तैयारी को अंतिम रूप दे रहा है।
दुधवा टाइगर रिजर्व क्षेत्र की गेरूआ, घाघरा, शारदा और कौड़ियाला नदियों में बड़ी संख्या में डॉल्फिन पाई जाती हैं। इनमें घाघरा, शारदा और गेरूआ नदियों में डॉल्फिन गंगा बेसिन से भी ज्यादा हैं। वर्ष 2015 में हुई गणना में कतर्निया घाट वन्यजीव विहार में बहने वाली गेरूआ नदी में जहां 31 किलोमीटर क्षेत्र में 45 तो घाघरा नदी के 518 किलोमीटर क्षेत्र में 317 डॉल्फिन मिली थीं। गेरूआ नदी में दो किलोमीटर के अंदर तीन डॉल्फिन मिलना काफी उत्साह जनक है।
बता दें कि बीते छह साल में डॉल्फिन की गणना नहीं हुई है। इस दौरान डॉल्फिन की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है। हाल ही में भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञों ने गेरूआ, घाघरा, शारदा और कौड़ियाला नदियों का सर्वे किया है, जिसमें डॉल्फिन की अच्छी आबादी देखकर संस्थान के वैज्ञानिक काफी उत्साहित हैं। अब डब्ल्यूआईआई वैज्ञानिक विधि से डॉल्फिन की सटीक गणना की तैयारी कर रहा है।
इसके तहत नदियों में डॉल्फिन की मौजूदगी वाले संभावित स्थलों पर लाइट और कैमरे लगाए जाएंगे। कैमरों में ट्रैप होने वाली तस्वीर और लाइट में दिखने के आधार पर डॉल्फिन की गणना होगी।
इससे पहले डॉल्फिन की गणना साइटिंग के आधार पर की जाती थी। गणना करने वाली टीम नाव पर बैठकर नदी में चलती थी, जहां पर डॉल्फिन दिखाई देती थी, उनकी गिनती कर ली जाती थी, लेकिन यह सटीक और प्रामाणिक नहीं होती थी। नई पद्धति से डॉल्फिन की संख्या का सही पता चल सकेगा।
भारतीय वन्यजीव संस्थान दुधवा टाइगर रिजर्व से होकर बहने वाली नदियों में डॉल्फिन की गणना के साथ ही यहां पाए जाने वाले बड़े जलीय जीव मगरमच्छ और घड़ियालों की भी वैज्ञानिक पद्धति से गणना की तैयारी कर रहा है। वैज्ञानिकों के इस प्रयास से दुधवा की नदियों में रहने वाले जलीय जीवों की सटीक संख्या का आकलन होने की उम्मीद जगी है।
वर्ष 2015 के बाद दुधवा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में डॉल्फिन की गणना नहीं हुई है। अब भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) लाइटिंग और कैमरा ट्रैपिंग के जरिए वैज्ञानिक विधि से डॉल्फिन की गणना करने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही संस्थान के वैज्ञानिक दुधवा की नदियों में पाए जाने वाले बड़े जलीय जीव मगरमच्छ और घड़ियालों की भी इसी पद्धति से गणना करने की तैयारी कर रहे हैं।

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