सरकार की पहल से चमक रहा परंपरागत हुनर

डिंडोरी (म.प्र.) संदेश महल
आदिवासी बहुल जिला डिंडोरी न केवल अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है, बल्कि यहाँ का अगरिया समाज पारंपरिक लौह कलाकृति के क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान बना रहा है। पीढ़ियों से इस कला को जीवित रखने वाले अगरिया समाज के लोगों ने अब आधुनिक प्रशिक्षण और सरकारी सहायता से इसे और निखारा है।
डिंडोरी जिले के विकासखंड समनापुर के ग्राम साल्हेघोरी के कुरेली में 46, ग्राम जाता डोंगरी के बरगा में 36, ग्राम मोहगांव में 10 और उमरिया में 8 परिवार ऐसे हैं, जो इस पारंपरिक कलाकृति में दक्ष हैं।

पुरानी विरासत, नई पहचान

अगरिया समाज की महिलाएं भी अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस कलाकृति में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। आजीविका स्व सहायता समूहों के माध्यम से वे प्रशिक्षण लेकर आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप कलाकृतियाँ तैयार कर रही हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं।

सरकार की विशेष योजना – स्फूर्ति प्रोजेक्ट

आजीविका परियोजना के समनापुर संकुल विकास पालक संजीव रंजन ने बताया कि “अगरिया समाज के कलाकारों के लिए स्फूर्ति प्रोजेक्ट के तहत मध्यप्रदेश सरकार से ₹47 लाख की राशि प्राप्त हुई है। इस राशि से एक समान सुविधा केंद्र की स्थापना की जा रही है, जहाँ प्रशिक्षण, कच्चा माल और अन्य आवश्यक संसाधन मुहैया कराए जाएंगे।”

कला का जीवंत प्रदर्शन

कुरेली गाँव में गर्मियों में पेड़ों की छाँव तले और सामान्य दिनों में हाल में बनी भट्टियों में कलाकार अपनी कला का जीवंत प्रदर्शन करते हैं। युवा पीढ़ी को प्रशिक्षण देने के साथ बुजुर्ग कलाकार अपने अनुभव और पारंपरिक ज्ञान भी साझा करते हैं।
डिंडोरी जिला मुख्यालय स्थित आनंदम दीदी कैफे में बना मिनी म्यूजियम भी इस कला के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यहाँ लोह कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई जाती है, ताकि यहाँ आने वाले लोगों को इस पारंपरिक विरासत की जानकारी मिल सके।

कलाकारों की आवाज

कालू राम अगरिया (बुजुर्ग कलाकार): “हमारा काम अब नई पीढ़ी तक पहुँच रहा है, यह देखकर बहुत खुशी होती है।”

सुभद्रा धुर्वे (समूह से जुड़ी महिला): “इस कला से जुड़कर हमें सम्मान और आमदनी दोनों मिल रहे हैं।”

विजय कुमार अगरिया (मास्टर ट्रेनर): हम नई तकनीकों के साथ पारंपरिक कला को और बेहतर बना रहे हैं।

संजीव रंजन (संकुल विकास पालक): “सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे कलाकारों तक पहुँचाना हमारा उद्देश्य है।

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