सुधीर मिश्र हत्याकांड मे मुख्य आरोपी पहुंचा जेल सहयोगियो को बचाने मे जुटी महुली पुलिस

रिपोर्ट
विनोद कुमार दूबे
संतकबीरनगर संदेश महल समाचार

महुली थाना क्षेत्र के छितही के सगड़वा निवासी सुधीर मिश्र हत्याकांड पर क्षेत्र मे पुलिस के कार्यप्रणाली सवाल खडा होना लाजिमी है।

मृतक सुधीर मिश्रा का फाइल फोटो

 

घटना के तत्काल बाद पुलिस अधीक्षक डा कौस्तुभ के निर्देशन मे पुलिस ने मृतक के पत्नी सुजीता की तहरीर पर तत्काल मुकदमा दर्ज किया और घटना के सूचना के चार घंटे भीतर ही आरोपी की गिरफ्तारी करके तत्काल न्यायालय रवाना कर दिया और स्थानीय मीडिया को भनक तक नही लगी और विवेचना शुरू कर दिया। अब महुली पुलिस को समूचे प्रकरण मे जमीन के अवैध कारोबार की जांच बेहद जरूरी है। यदि पुलिस ने बिना लाइसेन्स के संचालित जमीन के कारोबार पर नजर रखी होती तो हो सकता है ऐसी घटना ना होती। महुली क्षेत्र मे विवाद के दायरे मे उलझी जमीन से लगायत आए दिन नशे की गिरफ्त मे जकड़े लोगों की जमीन औंने पौने दाम पर हड़पने की चाह मे तमाम कथित लोग भी जुटे हैं। पिछले दिनों महदेवा और अजाव गांव मे भी पुलिस के संरक्षण मे उक्त कारोबार की बानगी भी देखने को मिली। ददरी गांव के एक नशे के आदी व्यक्ति की महुली की जमीन की खरीद फरोख्त मे भी स्थानिय कस्बे से जुडे दलालों का कारनामा भी चर्चा के केन्द्र मे है।

विलखते परिजन

सूत्रों की माने तो जमीन की खरीद फरोख्त मे कथित प्रापर्टी डीलर सिर्फ अग्रिम भुगतान के नाम पर चन्द रूपए देकर ग्राहक खोजने मे लगे रहते हैं इस कारोबार मे युवा वर्ग काफी सक्रिय है जब उक्त जमीन का खरीददार मिल जाता है तो उससे जमीन की तय कीमत मे अपना कमीशन जोड़ कर वसूल कर लिया जाता है। उक्त विक्रेताओ को कथित प्रापर्टी डीलर खुद से तय रकम चुका कर तीसरी पार्टी से अपना कमीशन भी वसूल कर जमीन रजिस्ट्री करा दी जाती है। सूत्रों के दावे यदि सही हैं तो इस कारोबार मे रजिस्ट्री आफिस तक सेटिंग बनी रहती है। जिसके चलते शासन को राजस्व का जहां नुकसान होता है वहीं इस कारोबार से जुडे कथित प्रापर्टी डीलरों को भी मोटा मुनाफा हासिल होता है। ऐसे मे जमीन के इस अवैध कारोबार से जुडे लोगों पर महुली पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती । तो सायद इस तरह की घटना न होती और महुली पुलिस आरोपों से बच जाती ।

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जयप्रकाश रावत
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