जेपी रावत
पीलीभीत संदेश महल
प्रदेश के आयुष विभाग के महानिदेशक नागेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है। इसके सिद्धान्त पूर्णत रूप से वैज्ञानिक हैं तथा वैज्ञानिक धरातल पर उनकी परख निरन्तर हो रही है। वे आज पीलीभीत के ललित हरि राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय में वनौषधि परिचय एवं लोक चिकित्सा विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। श्री सिंह ने आयुर्वेद के शिक्षकों, पी0एच0डी0 एवं परास्नातक शोध छात्रों के दल को सम्बोधित करते हुए वनौषधियों के परिचय एवं उनकी चिकित्सकीय उपादेयता पर शोध को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। कार्यक्रम में संस्था के प्राचार्य प्रो0 सुदीप सहाय बेदार ने अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम में विशेष रूप में उपस्थित शिक्षकों का परिचय कराया। कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्य विकास अधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने आयुर्वेदिक औषधियों की औषधीय उपदेयता के विषय में अपने संस्मरण सुनाये तथा आयुर्वेद को भविष्य की चिकित्सा पद्धति बताया। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 आलोक कुमार ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति आधुनिक चिकित्सा पद्धति से प्राथमिक चिकित्सा एवं जीर्ण रोगों की चिकित्सा में श्रेष्ठ है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्व आयुर्वेद परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्राे0 योगेश चन्द मिश्र ने आयुर्वेद को पूर्ण वैज्ञानिक चिकित्सा बताते हुए शिक्षकों एवं छात्रों से आयुर्वेद में श्रद्धा एवं विश्वास रखने का आग्रह किया। डा0 मीना देवगडे ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न आयुर्वेद संस्थानों से आये हुए चालीस शिक्षक, पी0एच0डी0 एवं परास्नातक शोध छात्र तथा संस्थानों में अध्ययनरत तेरह शोध छात्र भाग ले रहे हैं। विशेषज्ञ के रूप में प्रो0 मोहन लाल जायसवाल जयपुर, प्रो0 कौशल कुरार रॉची, प्रो0 राकेश कुमार तिवारी बरेली, प्रो0 अनिल शुक्ला भोपाल, प्रो0 मीना दिल्ली, एवं डा0 हरिशंकर मिश्र उपस्थित रहे। उद्घाटन सत्र में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, जिला होम्यापैथिक अधिकारी, विश्व प्रकृति निधि के नरेश कुमार एवं संस्था के समस्त शिक्षक उपस्थित रहे। शिक्षकों एवं शोध छात्राओं का दल कल दुधवा राष्ट्रीय उद्यान एवं इस माह की चार तारीख को पीलीभीत टाइगर रिजर्व का भ्रमण करेगा। महानिदेशक, आयुष ने ललित हरि राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, पीलीभीत के चिकित्सालय, छात्रा एवं छात्र छात्रावास, एकेडमिक ब्लॉक के विभिन्न विभागों, फार्मेसी, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी कार्यालय तथा पीलीभीत शहर की आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथी डिस्पेंसरियों का भी निरीक्षण किया।