हरदोई संदेश महल
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155 वीं जयंती को लेकर पूरा भारत जहां उनकी स्मृतियों को सहेजने और याद करने में जुटा है। वहीं हरदोई के एतिहासिक गांधी भवन में भी भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बता दें कि 11 अक्टूबर 1929 को गांधी जी ने इसी मैदान में देश की स्वाधीनता के लिए एक जनसभा की थी। जनसभा में महिलाएं उनसे इतना प्रभावित हुईं कि उन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए अपने गहने भी उतार कर स्वतंत्रता आंदोलन की लड़ाई के लिए दान कर दिए थे।आज गांधी जयंती के अवसर पर चरखा चला कर उनको याद किया गया और श्रद्धांजलि अर्पित की गई।साथ ही तमाम सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की गईं। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने गाँधी भवन में गाँधी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया व पुष्पांजलि अर्पित की। जिलाधिकारी ने तिरंगा झंडा फहराया तथा गाँधी जी व शास्त्री जी के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने अपने सम्बोधन में दोनों महापुरुषों के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गाँधी जी का जीवन काफ़ी संघर्षमय रहा। भारत आने के बाद चम्पारण सत्याग्रह से अपने संघर्ष की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि चम्पारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन व सविनय अवज्ञा आंदोलन ने अंग्रेजी सरकार की जड़ों को हिलाकर रख दिया।उनके द्वारा कुछ स्वच्छाग्रहियों को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। उन्होंने सर्व धर्म प्रार्थना सभा व चरखा यज्ञ में हिस्सा लिया। जिलाधिकारी ने स्वयं चरखा चलाया। विभिन्न धर्माे के लोगों ने एक ही मंच से अपने अपने धर्म की बातें की। बच्चों ने देशभक्ति आधारित गीतों पर कार्यक्रम प्रस्तुत किये।जिलाधिकारी ने आयोजन की पूरी जानकारी से रूबरू कराया।