दिल के गुलशन में फिजाओं ने ली अंगड़ाई है……?

रामनगर बाराबंकी संदेश महल
ग्राम मझौनी में नवदुर्गा जागरण कार्यक्रम के पांचवे दिवस कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें वरेण्य रचनाकारों ने कविता पाठ किया। कार्यक्रम का शुभारंभ रामनगर ब्लाक प्रमुख संजय तिवारी व बार एसोसिएशन रामनगर अध्यक्ष शिव प्रकाश अवस्थी द्वारा महामाई की आरती व मां भारती के पुष्प पर माल्यार्पण दीप प्रज्ज्वलन कर किया। प्रमुख संजय तिवारी ने कहा कि कविता समाज को नई दिशा और दशा प्रदान करती है । जब-जब समाज या देश में निरंकुशता बढ़ी है तब तक साहित्यकारों ने ही लोगों को जागरूक किया है। बार एसोसिएशन अध्यक्ष शिव प्रकाश अवस्थी ने कार्यक्रम के आयोजक मंडल के सदस्यों की सराहना की। शिव तिवारी ने मुख्य अतिथि का माल्यार्पणकिया।आए हुए आगंतुकों को अनिल अवस्थी ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। समिति अध्यक्ष झब्बू तिवारी ने कवियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सुधाकर दीक्षित मृदुल द्वारा सरस्वती वंदना में “अरज मोरी थोरी सुनउ हे महामाई” गीत प्रस्तुत कर किया गया ।

जगन्नाथ दीक्षित निर्दोष की पंक्तियां “गोरिया अइहौ जब गंउवा की डगरिया सहरिया का भूल जइहौ”को लोगों ने खूब सराहा।
प्रशांत प्रखर की पंक्तियां “आप आए तो बहारों में महक छाई है, दिल के गुलशन में फिजाओं ने ली अंगड़ाई है”पंक्तियों पर दर्शक झूम उठे।
हरिहर दत्त पांडे ने पढा “आओ साथ चले बन के सच्चे यार कर लो मुझसे प्यार कविता पढी। कवियत्री गीता गंगवार ने पढा “त्याग के बिन कभी प्रीत होती नहीं, डर किसी वीर की रीति होती नहीं, पंक्तियां पढी। ओज कवि मनोज मिश्रा शीत ने पढ़ा ” पहले बुला के बाद मे दुतकारिये नहीं जो खुद मरा हुआ हो उसे मारिए नहीं। इस अवसर पर जागरण कमेटी के पदाधिकारी व सदस्यों, समस्त ग्रामवासियों समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।