जयप्रकाश रावत
बाराबंकी संदेश महल समाचार
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के एक छोटे से गांव निजामपुर में इतिहास रचा गया। यह कोई राजनीतिक क्रांति नहीं थी, न ही कोई बड़ी परियोजना का उद्घाटन – बल्कि यह एक छोटे से प्रयास की बड़ी जीत थी। गांव के एक होनहार छात्र रामकेवल रावत ने हाई स्कूल परीक्षा में सफलता प्राप्त की। यह सफलता इसलिए विशेष है, क्योंकि आजादी के बाद से अब तक निजामपुर गांव से कोई भी छात्र दसवीं की परीक्षा पास नहीं कर पाया था।
एक सपने की शुरुआत: शिक्षा से इतिहास तक
रामकेवल की इस उपलब्धि ने न केवल गांव को गौरवान्वित किया, बल्कि यह खबर देश के कोने-कोने तक पहुंची। यहां तक कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद राहुल गांधी को जब इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने रामकेवल को एक व्यक्तिगत पत्र लिखकर बधाई दी। इस पत्र में राहुल गांधी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर का उदाहरण देते हुए रामकेवल को प्रेरणा दी कि जैसे अंबेडकर ने विषम परिस्थितियों में शिक्षा से परिवर्तन का मार्ग चुना, वैसे ही वह भी अपने सपनों को ऊँचाइयों तक पहुंचा सकते हैं।
सम्मान का क्षण: निजामपुर में ऐतिहासिक दिन
राहुल गांधी का यह पत्र कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया और उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य अब्दुल्ला शेर खान द्वारा एक भव्य कार्यक्रम में रामकेवल को सौंपा गया। गांव में इस अवसर पर एकत्रित भीड़ ने गगनभेदी तालियों से इस युवा छात्र का स्वागत किया। कार्यक्रम में ब्लॉक अध्यक्ष डॉ. भस्मा प्रसाद मिश्र, जिला अध्यक्ष मोहम्मद मोहसिन, जिला सचिव मनीष रावत, वरिष्ठ नेता आसिफ मुन्ना, भानू वर्मा, अकील अहमद समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
सिर्फ एक छात्र की नहीं, पूरे गांव की जीत
इस अवसर पर तनुज पुनिया ने कहा, “रामकेवल की यह उपलब्धि केवल एक छात्र की नहीं, बल्कि पूरे गांव की जीत है। यह भविष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा है।” उन्होंने गांववासियों से बातचीत की, समस्याएं सुनीं और हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया।
नई पीढ़ी के लिए उम्मीद की लौ
रामकेवल की सफलता आज उस दीये की तरह है जिसने अंधेरे में रोशनी दी है। गांव के बुजुर्गों की आंखों में गर्व था और युवाओं की आंखों में सपना। यह सिर्फ एक परीक्षा पास करने की बात नहीं है — यह उस मानसिकता को तोड़ने का नाम है जो कहती थी, “हमारे गांव से नहीं हो सकता।अब बच्चे कह सकते हैं,अगर रामकेवल कर सकता है,तो हम भी कर सकते हैं।
एक संदेश: शिक्षा ही असली बदलाव का रास्ता
संदेश महल न्यूज़ इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनकर गर्व महसूस करता है। यह घटना बताती है कि जब समाज एकजुट होकर किसी बच्चे को पढ़ने का अवसर देता है, तो वह सिर्फ अपनी नहीं, पूरे गांव की तक़दीर बदल सकता है। रामकेवल की यह यात्रा अभी शुरुआत है। आने वाले वर्षों में यह गांव और भी नायाब उदाहरण पेश करेगा — यह विश्वास अब गांव की मिट्टी में बस चुका है।