रिपोर्ट
जेपी रावत
बाराबंकी संदेश महल समाचार
अजीबोगरीब डॉल्फिन को बचा लिया गया, वह रास्ता भटक कर उत्तर प्रदेश के जिला बाराबंकी की एक नहर में आ पहुंची थी।उत्तर प्रदेश वन विभाग कछुआ उत्तरजीविता गठबंधन के स्टाफ के सदस्यों ने एक साथ मिलकर इस अजीबोगरीब डॉल्फिन को बचाया है।
टर्टल सर्वाइवल एलायंस (TSA) द्वारा साझा किए गए ट्विटर पोस्ट के अनुसार, 4.2 फुट लंबा नर डॉल्फिन रास्ता भटक कर बाराबंकी की एक नहर में घंटों तक फंसा रही। जिला अधिकारी ने कहा, कि गंगा नदी की ये डॉल्फिन शारदा नहर में मिली थी।
टीएसए की क्विक रिस्पांस टीम ने राज्य वन विभाग के साथ मिलकर संयुक्त ऑपरेशन में डॉल्फिन को सफलतापूर्वक बचाने और घाघरा नदी में छोड़ने का काम किया। उन्होंने ट्विटर पर बचाव अभियान से तस्वीरें साझा कीं हैं। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है।
टीम के सदस्य समुद्री स्तनपायी पर पानी छिड़क रहे हैं, इसे एक स्ट्रेचर पर ले जा रहे हैं और इसे नदी में छोड़ देते हैं।यह बचाव अभियान डॉ, शैलेन्द्र सिंह जलीय वन्यजीव जीवविज्ञानी जो कछुए की उत्तरजीविता एलायंस का नेतृत्व कर रहे हैं, उन्होंने भी डॉल्फिन बचाव अभियान से एक फोटो पोस्ट की है।जिसमें लिखा है कि बाराबंकी यूपी में नदी डॉल्फिन सप्ताह में नहर में फंसे एक अच्छे गंगा नदी के नर डॉल्फिन को बचाने से बेहतर क्या हो सकता है। वरिष्ठ भारतीय वन सेवा अधिकारी रमेश पांडे ने भी बचाव की प्रशंसा करते हुए ट्विटर पर लिखा, “वास्तव में यह एक बड़ा बचाव कार्य है,जिसमें विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक,अक्सर ‘टाइगर ऑफ द गंगा’ के नाम से जानी जाने वाली नदी डॉल्फिन एक इंडिकेटर एनिमल है,जिसका स्थान जंगल में रहने वाले एक बाघ की तरह ही समान है। यह भारत का राष्ट्रीय जलीय जंतु है। बाँधों और बैराज के निर्माण, नदियों की अंधाधुंध मछली पकड़ने और प्रदूषण के कारण प्रत्यक्ष हत्या, निवास स्थान का विखंडन, प्रजातियों को प्रभावित करने वाले कुछ प्रमुख खतरे हैं।
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