कुत्ते की मौत पर किया गया पिंडदान वह रखता था नवरात्रि व एकादशी व्रत

जेपी रावत
सीतापुर संदेश महल समाचार
उत्तर प्रदेश के जनपद सीतापुर के नैमिषारण्य में एक परिवार ने अपने पालतू कुत्ते का अंतिम संस्कार करने के बाद पिंडदान किया। परिवार के लोगों का कहना है कि वो हमारे लिए घर के एक सदस्य की तरह था।
कुछ इस तरह एक व्यक्ति ने पशु प्रेम को जाहिर करते हुए पालतू कुत्ते की मृत्यु हो जाने पर घर के सदस्य की तरह विधिविधान से घर पर दाह संस्कार किया और तीर्थ में आकर उसकी मुक्ति के लिए पिंडदान तर्पण किया।सुनने में हैरानी हो रही होगी मगर यह वाक्या हकीकत है।
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश के जनपद सीतापुर मे स्थित नैमिषारण्य तीर्थ नाभि गया के नाम से भी जाना जाता है। पितरों की तृप्ति के लिए यह स्थान जाना जाता है। देश के सभी प्रदेशों और पड़ोसी देश नेपाल से बड़ी संख्या में लोग आकर अपने परिजनों का पिंडदान तर्पण करते है ताकि उनके वंशजो को मुक्ति मिल सके। इसी तीर्थ प्रांगण में सिद्धार्थ नगर निवासी सुरेंद्र पाण्डेय अपनी पत्नी के साथ मृतक कुत्ते का पिंडदान किया। बताया कि उनके पालतू कुत्ते का नाम डारसी था।जिसकी फोटो रखकर विधिविधान से आचार्य के द्वारा पिंडदान तर्पण कराया। पिण्डदान से पूर्व घर पर डारसी की मृत्यु होने के बाद विधिवत दाह संस्कार किया गया था। सुरेंद्र ने बताया कि डारसी को एक साल की उम्र से अपने बेटे की तरह पाला था ।वह हम लोगों की तरह नवरात्रि और एकादशी व्रत रहता था। अगर व्रत के दौरान उसे कोई अन्न खिलाता था तो वह नहीं खाता था सिर्फ दूध और फल खाता था। मौत का कारण बताते हुए कहा कि किसी अज्ञात वाहन के टक्कर मारने से उसकी मौत हो गई है।इस दौरान वह बाहर खेल रहा था। इतना कुछ कहते हुए सुरेन्द्र की पत्नी की आंखें आंसुओं से डबडबा गई।