सीतापुर संदेश महल
कोतवाली क्षेत्र में रिहायशी इलाके में संचालित दालमोठ फैक्टरी में शाॅर्ट सर्किट से आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। आग की लपटों को देखते हुए यातायात को डायवर्ट कर दिया गया। साथ ही एक लेन का ट्रैफिक पूरी तरह से रोक दिया गया। दमकल विभाग की टीम को आग पर काबू पाने के लिए करीब दो घंटे से अधिक का समय लग गया। हालांकि, इस दौरान दमकल विभाग की टीम शाम चार बजे तक पानी की बौछार आग की राख पर करती रही। फैक्टरी में आग लगने से कितने रुपये का नुकसान हुआ है इसका आकलन किया जा रहा है।
शहर कोतवाली क्षेत्र के चुंगी चौराहे से कांशीराम मार्ग पर नारायण टॉकीज के ठीक सामने एक दालमोठ फैक्टरी संचालित है। यह फैक्टरी मेसर्स एसआर इंटरप्राइजेज फर्म के नाम से संचालित है। यहां सुबह करीब 10:30 बजे आग लग गई। बताया गया कि फैक्टरी के जिस हिस्से में आग लगी, वहां चार मजदूर काम कर रहे थे। उन लोगों ने एक वॉल्व खोला था।
तभी चिंगारी निकली, जो पास ही रखे खाद्य तेल के टैंक पर गिर गई। इससे खाद्य तेल ने आग पकड़ ली और प्लास्टिक की झिल्लियाें (रैपर) ने आग पकड़ ली। देखते ही देखते आग के गुबार के साथ चारों ओर काला धुंआ छा गया। इससे यातायात बाधित होने लगा। इसी बीच 10:54 बजे दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। दमकल विभाग की टीम ने आग पर काबू तो मात्र दो घंटे में पा लिया गया। हालांकि, एहतियातन दमकल की टीम शाम चार बजे तक पानी की बौछार करती रही।
बॉयलर फटने की रही चर्चा, दमकल विभाग ने किया खारिज फैक्टरी के कर्मचारियों ने बताया कि लोग बॉयलर फटने की वजह से आग लगने की बात कह रहे हैं, लेकिन बाॅयलर सुरक्षित है। आग लगने से हर तरफ अफरा-तफरी मच गई। मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुभाष सिंह ने बताया कि बॉयलर सुरक्षित है। शार्ट सर्किट से ही आग लगने की बात सामने आई है। खाद्य तेल और दालमोठ पैक करने वाले रैपर की वजह से आग बुझाने वाले कर्मचारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।50 कर्मचारियों और आठ वाहनों ने पाया काबू दमलक विभाग के आठ वाहनों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया है। इसमें पांच हजार लीटर क्षमता के तीन, ढाई हजार लीटर क्षमता के चार वाहन और एक 700 लीटर का विशेष वाहन लगाया गया था। 50 कर्मचारियों ने विशेष सुरक्षा इंतजामों के साथ आग पर काबू पाया। मौके पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी मौजूद रहे। लगातार वाहन पानी लाने की कवायद करते रहे।
रिहायशी इलाके में चल रही है फैक्टरी नहीं सुरक्षा के इंतजाम
दमकल विभाग की मानें तो यह फैक्टरी रिहायशी इलाके में चल रही है। फैक्टरी परिसर करीब 10 हजार स्कवॉयर फीट में स्थापित है। परिसर में फैक्टरी मालिक का परिवार भी मकान बनाकर रह रहा था। परिवार ऊपरी हिस्से में रहता है। नीचे फैक्टरी चलती है। गनीमत रही कि आग लगने के दौरान किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। दमकल विभाग की मानें तो आग बुझाने के नाम पर भी वहां कोई पुख्ता इंतजाम नहीं थे। सिर्फ कुछ अग्निशमन सिलिंडर ही थे, जो आग बुझाने के लिए नाकाफी थे।
जनवरी माह में रामकोट की एक चीनी मिल में प्रेशर टैंक फट गया था। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी। मामले का संज्ञान सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिया था। ऐसा तब हुआ था। जब वहां काम नहीं हो रहा था। यहां तो फैक्टरी में काम जारी था। ऐसा कोई हादसा यहां होता तो आसपास के कई घर और लोग इसकी चपेट में आ जाते।