मैनपुरी से संदेश महल ब्यूरो रिपोर्ट प्रवीन कुमार के साथ
ससुरालीजनों ने पति की मौत के बाद विधवा के लिए घर के दरवाजे बंद कर दिए हैं।मायके से घर लौटी विधवा घर के बाहर बैठ गई। चौबीस घंटे तक भूखी प्यासी बैठने के बाद भी किसी का दिल नहीं पसीजा।थक हार कर जब पुलिस की मदद के लिए हाथ बढ़ाया तो पुलिस भी मौके पर आना जरूरी नहीं समझा।
ज्ञात हो कि मामला फिरोजाबाद के गांव नगला गवे निवासी मनोरमा का है, जिसका विवाह वर्ष 2007 में कोतवाली क्षेत्र के बालाजी पुरम निवासी योगेश कुमार के साथ हुई थी। योगेश स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट के पद पर तैनात था। करीब दो माह पूर्व फार्मासिस्ट की एक हादसे में मौत हो गई थी। पति की मौत के कुछ दिन बाद मनोरमा मायके चली गई थी।
शुक्रवार को लगभग बारह बजे विधवा मनोरमा जब ससुराल पहुंची। तो ससुरालीजन घर में ताला लगाकर कहीं चले गए। मनोरमा घर के बाहर दरवाजे पर इंतजार में बैठ गई। धीरे धीरे समय बीतता गया और रात गुजर गई,लेकिन कोई भी ससुरालीजन वहां नहीं पहुंचा। लगभग चौबीस घंटे तक घर के बाहर बैठने के बाद मनोरमा वहां से चली गई। इस दौरान स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस को सूचना दी गई। लेकिन किसी ने मौके पर आकर जांच करने की जरूरत नहीं समझी। पुलिस की इस संवेदनहीनता से लोगों में आक्रोश व्याप्त है।