रिपोर्ट
भूपेन्द्र पाल सिंह
मिश्रिख सीतापुर संदेश महल समाचार
गायोंकी हिमायत करने वाली भाजपा के राज में सड़कों पर भटक रहे गोवंश न सुरक्षित है न ही शहरवासी कस्बेवासी।विगत माहों के दौरान सड़क पर सांडों की टक्कर से 20 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। वहीं, सड़क पर वाहनों की टक्कर से आए दिन गाेवंश जख्मी हो रहे हैं।एक गाय गंभीर रूप से घायल है। सड़क तो छोड़िए गोशाला में भी गाेवंश की बेकद्री हो रही है। यहां के लिए गोशाला के लिए कोई मायने नहीं है। यदि गोवंश की मौत हो जाती है तो मृत पड़े उनके शवों को उठवाने का कोई इंतजाम नहीं है। इससे जहां संक्रामक रोग फैलने का खतरा पैदा हो गया है, वहीं गोशाला प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। एक दर्जन से ज्यादा पशु यहां पर मरने की कगार पर है, लेकिन उनका इलाज करने वाला कोई नहीं है।
बात करते हैं तहसील मिश्रिख की तो यह क्षेत्र पूरी दुनिया में अपने की ख्याति के लिए बिख्यात है। किंतु यहां की हकीकत तो कुछ और ही है। गौशालाओं में सिर्फ मनमानी की जाती है।इन वेजुबान गौवंशो की हिदायत के नाम पर गौशालाओं का प्रबंधन तंत्र लाखों के वारे न्यारे करता है। लेकिन इनकी व्यवस्था, सुरक्षा का कोई पुरसा हाल नहीं है।
गौरतलब हो कि मिश्रिख के परसोली चौराहा से परसोली रोड पर बेसुध पड़ा गोवंश आज कई दिनों से तड़प रहा था।लोग देखकर मुंह फेर लेते हुए निकल जा रहे थे। जिसका बाया पैर पूरी तरह से सड़ चुका था।
संदेश महल समाचार पत्र संवाददाता भूपेंद्र पाल सिंह
मानवीयसंवेदनाओं के रहमदिल व संदेश महल समाचार पत्र के तहसील मिश्रिख संवाददाता भूपेंद्र पाल सिंह की नजर इस तड़प रहे बेजुबान पर पड़ी, और वह इस गौवंश के इलाज की व्यवस्था में लग गए। जिसका इलाज करवा रहे हैं।बात करते हैं सरकारी पशु अस्पताल की तो वहां भी डॉक्टर समेत अन्य स्टाफ तैनात है। इसके बावजूद बीमार घायल पशुओं का ठीक ढंग से उपचार नहीं किया जा रहा है। गोशाला के ट्रीटमेंट हाॅल में मरे हुए गोवंश के आसपास मरणासन्न गाय, बछड़े, बछड़ियां पड़ी हैं। कोई इनका हाल लेने वाला नहीं है।जो इलाज होने की स्थिति में हैं,वह भी कभी दम तोड़ सकती हैं।जिसके बाद यहां वीभत्स स्थिति बनी हुई है।