रिपोर्ट
सूर्य प्रकाश मिश्र
सीतापुर संदेश महल समाचार
मिश्रिख के दधीचि कुंड में मछलियों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है। दूसरे दिन भी हजारों की संख्या में मछलियां फिर से मर गईं। जबकि एक दिन पहले ही मछलियों के मरने की घटना घटित हुई थी।
बताते चलें कि जब सुबह श्रद्धालु कुंड पर पहुंचे तो यहां पर भारी तादाद में मछलियां मरी हुईं दिखाई दीं। सूचना पर नगर पालिका ने इन मछलियों को कुंड से निकलवाकर दफनवा दिया। जबकि गुरुवार को भी यही घटना हुई थी।आक्सीजन की कमी के कारण लगातार दो दिन से कुंड में हजारों मछलियों मर रही है।
नगरपालिका प्रशासन इनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इससे यहां के श्रद्वालुओं में काफी आक्रोश व्याप्त है।नगर पालिका ने फिर से रस्म अदायगी निभा रहा है।कुछ दवाएं कुंड में डलवाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। जबकि सबसे बड़ी दिक्कत इस कुंड की जल निकासी न होना है। ईओ आरपी सिंह का कहना है कि कुंड में आक्सीजन की कमी से मछलियां मर रही हैं।कुंड में आक्सीजन की गोलियां डलवा दी गई हैं। नगर पालिका की तरफ से मछलियों को बचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। सबसे अहम पहलू यह है कि नगर पालिका प्रशासन सिर्फ ब सिर्फ अपना पल्ला झाड़ रहा है। राहत और बचाव के नाम पर आक्सीजन की गोलियां डलवा दी गई है। यदि नगर पालिका प्रशासन जल निकासी की समुचित व्यवस्था कर ले तो हो सकता है कि हमेशा हमेशा के लिए इस समस्या से निजात मिल जाएगी। किंतु यहां पर मछलीयों का मरना कोई नयी बात नहीं है।यह तो हमेशा होता रहता है। आक्सीजन की गोलियां पड़ती रहेगी और मछलियां मरती रहेगी। अब देखना है कि नगर पालिका प्रशासन इन मर रही मछलियों के बचाव के लिए आखिर कौन सा रास्ता अख्तियार करता है।यह भविष्य के गर्भ में है।
गौरतलब हो कि रंग बिरंगी मछलियां मरी हुई पड़ी हैं।तीर्थ का पौराणिक महत्व होने के कारण इन मछलियों को भोजन खिलाने के लिए श्रद्धालु दूर दूर से भी आते हैं। पिछले दो दिनों अचानक सैकड़ों मछलियों की मौत हो गयी। सुबह जब लोग तीर्थ पहुंचे तो तीर्थ में मरी हुयी मछलियां पानी के ऊपर तैर रही थी। स्थानीय लोगों ने प्रशासन को इससे अवगत कराया किंतु प्रशासन ने मौका मुआयना करने के बजाय मछलियां निकलवाने का प्रयास किया किंतु स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही की मांग को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग की। विरोध के बाद प्रशासनिक अशिकारियों ने मौका मुआयना कर कार्यवाही का आश्वाशन दिया और तीर्थ से मछलियां निकलवायी। प्रशासनिक अधिकारियों ने अपना बचाव करते हुए ऑक्सीजन की कमी होना बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया हैं। किंतु स्थानीय लोगों कहना है कि तीर्थ कुंड में गंदगी का अंबार हैं। और यहां पर लगा समरसेबल पंप भी काफी दिनों से खराब पड़ा हैं जिसके चलते तीर्थ की तलहटी से काई जमा हो गयी जिससे जहरीली गैस बनने का खतरा रहता हैं लिहाजा मछलियों की मौत का कारण जहरीली गैस बताया जा रहा हैं। फिर भी नगर पालिका प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं।