जेपी रावत
संदेश महल समाचार
तमाम बातों का निचोड़ यही निकलता है कि न सोशल मीडिया बुरा है और न ही वहां पर प्यार का इजहार करना बुरा है। लेकिन रिश्ते में दिक्कत तब आती है,जब ऑनलाइन दिखावा असल जिंदगी के प्यार को पीछे छोड़ दे।
सोशल मीडिया रिश्ते की जड़ों को खोखला करता है। यह बात रिसर्चर्स ने साबित कर दी, रिलेशनशिप कोच डॉ.अंजलि मनोविज्ञान समझाते हुए बताती हैं कि सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड करना सिर्फ एक तकनीकी कवायद भर नहीं है। यह रिश्ते को लेकर कपल्स की सोच और उनकी उम्मीदों को दर्शाता है। जिन जोड़ों को अपने रिश्ते और पार्टनर पर बहुत भरोसा नहीं होता है, जो अपने रिश्ते की अच्छाई’ पर दूसरों की मुहर चाहते हैं, ऐसे जोड़ों में सोशल मीडिया पर दिखावे की प्रवृत्ति ज्यादा देखी जाती है।जो कपल्स सोशल मीडिया पर ज्यादा फोटो अपलोड करते हैं असलियत में उनका रिश्ता कमजोर होता है। उनकी जिंदगी कम खुशहाल होती है। दूसरी ओर,सोशल मीडिया पर कम या कभी-कभार अपनी फोटोज डालने वाले जोड़े ज्यादा खुश रहने के साथ-साथ अपना रिश्ता भी बेहतर तरीके से निभाते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैंसस के रिसर्चर्स ने दुनिया भर के 300 जोड़े यानी 600 लोगों को चुना। ये जोड़े हर नस्ल, देश और जेंडर-सेक्शुएलिटी के थे। 6 महीने तक रिसर्चर्स मीडिया बिहेवियर को मॉनिटर करते रहे। साथ ही वक्त-वक्त पर इन जोड़ों की काउंसिलिंग भी की गई, जिसमें उनसे उनके रिश्ते के बारे में बात की गई।
नतीजे में पाया गया कि जो कपल्स सोशल मीडिया का यूज जितना कम करते थे,उनका रिश्ता उतना ज्यादा मजबूत था।
हाल ही में अमेरिका में हुई एक अन्य रिसर्च में पाया गया कि हर सात तलाक के मामलों में एक का कारण सोशल मीडिया था। साथ ही हर पांच कपल्स में से एक के बीच रोजाना होने वाली बहस का कारण सोशल मीडिया है।
साल 2017 में 338 शादीशुदा जोड़ों पर हुए एक सर्वे में यह भी पाया गया कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल बेवफाई को ढंकने छिपाने के लिए भी किया जा रहा है।सर्वे में रिसर्चर ब्रैडेन टी डैनियल ने पाया कि जिन लोगों के अपने रिश्ते से इतर संबंध थे, वो सोशल मीडिया पर अपने पार्टनर को लेकर ज्यादा संजीदा थे। पार्टनर के संभावित शक और झगड़े को दूर रखने के लिए वो सोशल मीडिया पर खुलकर प्यार का इजहार किया करते थे। जबकि रीयल लाइफ में उनमें बेवफाई की आशंका कहीं ज्यादा थी। मेरा मानना है कि हेल्दी रिलेशनशिप के लिए सोशल मीडिया से थोड़ी दूरी जरूरी है।