एक नए रिश्ते की शुरुआत……..?

रात की ठंड अपने चरम पर थी, और “रवि” नाम का एक युवक “सपना एक्सप्रेस” से यात्रा कर रहा था। उसकी यात्रा धौलपुर से मुंबई तक की थी, और सफर काफी लंबा था। जब रवि ने धौलपुर में ट्रेन पकड़ी, तो उसने पाया कि उसके डिब्बे में कोई नहीं था। उसकी सीट 3-टियर एसी में आरक्षित थी, और वह अकेला था। ट्रेन की आवाज़ और सर्दी के बीच उसने अपने कंबल में खुद को लपेटा और सो गया।

रात के कुछ समय बाद ट्रेन अगले स्टेशन पर रुकी, और “काव्या” नाम की एक स्टाइलिश लड़की उस डिब्बे में चढ़ी। संयोग से, काव्या की सीट रवि के बगल में थी। जब उसने देखा कि रवि उसकी सीट पर सो रहा है, तो उसने उसे जगाने का निर्णय लिया।

काव्या ने कहा, “सुनिए, उठिए! आप मेरी सीट पर सो रहे हैं।”

रवि नींद में बड़बड़ाते हुए बोला, “क्या हुआ? मुझे सोने दो…तुम कौन हो?”

काव्या मुस्कराते हुए बोली, “मैं काव्या हूँ। अब उठिए और अपनी सीट पर जाइए।”

रवि को एहसास हुआ कि वह गलत सीट पर सो रहा था। उसने तुरंत माफी मांगी और कहा, “ओह, माफ करना! मैं जाग गया हूँ। अब तुम आराम से सो सकती हो।”

काव्या ने हँसते हुए अपनी सीट ली और फिर मोबाइल देखने लगी। रवि, जो अब पूरी तरह जाग गया था, कंबल के अंदर से उसे देख रहा था। थोड़ी देर बाद, काव्या भी अपने बिस्तर पर लेट गई और मोबाइल एक तरफ रख दिया।

रवि अभी भी उसे देखता रहा, और उसने देखा कि वह हंस रही थी। वह धीरे से उठा और अपना कंबल उसके ऊपर डाल दिया। काव्या ने महसूस किया कि किसी ने उसके ऊपर कंबल रखा है। उसने उठकर देखा और रवि से कहा, “तुम्हें ठंड लगेगी, अपना कंबल वापस ले लो।”

रवि ने हंसते हुए कहा, “कोई बात नहीं, मैंने देखा कि तुम ठंड से हंस रही थी।”

काव्या मुस्कराते हुए बोली, “लेकिन कंबल डाले बिना भी मैं हंसती रहती हूँ। वैसे, तुम्हारा नाम क्या है?”

रवि ने उत्तर दिया, “मैं रवि हूँ।”

काव्या ने उसकी तरफ देखा और कहा, “अच्छा नाम है। तुमसे मिलकर अच्छा लगा। चलो, मेरे पास आओ, हम दोनों एक ही कंबल शेयर कर लेंगे।”

रवि थोड़ा हिचकिचाया, लेकिन फिर काव्या की बात मान ली और दोनों एक ही कंबल के अंदर सो गए।

सुबह जब ट्रेन अपनी मंजिल के करीब पहुँच रही थी, दोनों जाग गए और एक-दूसरे की ओर देखने लगे। रवि ने धीरे से कहा, “काव्या, मुझे लगता है, मुझे तुम्हारे साथ यह सफर बहुत अच्छा लगा।”

काव्या ने उसकी ओर देखा और कहा, “मुझे भी तुम्हारे साथ वक्त बिताकर अच्छा लगा, लेकिन एक बात है जो मैं तुम्हें बताना चाहती हूँ।”

रवि ने पूछा, “क्या बात है?”

काव्या ने धीरे से कहा, “मैं एक ट्रांसजेंडर हूँ।”

रवि ने उसकी ओर देखा और मुस्कराते हुए कहा, “मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। तुमने मेरे साथ एक सच्चे दोस्त की तरह वक्त बिताया, और यही मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।”

काव्या ने उसकी बात सुनकर राहत की सांस ली और बोली, “मैं इस रात को कभी नहीं भूलूँगी।”

रवि ने उसे गले लगाते हुए कहा, “लव यू, काव्या। तुमने इस सफर को यादगार बना दिया।”

दोनों ने एक-दूसरे को देख कर मुस्कराया और ट्रेन अपनी मंजिल की ओर बढ़ती रही, उनके दिलों में एक नए रिश्ते की शुरुआत हो चुकी थी।