रिपोर्ट
मोहित कुमार तिवारी
संदेश महल समाचार
विगत 13 अक्तूबर को आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया जिसमें एक शादीशुदा युवक ने योजना का लाभ लेने के लिए अपनी साली के साथ ही विवाह को रचाया।
मामले की शिकायत हुई तो फर्जीवाड़ा सामने आया। मामला संज्ञान में आने के बाद विभाग के हाथ पांव फूल गए और आनन फानन में जांच शुरू कर दी गई। सामूहिक शादी समारोह में प्रति जोड़े पर 51 हजार रुपये खर्च होते हैं और वधू को 35 हजार रुपये के चेक दी जाती है। मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के महाराजगंज के कोल्हुई थाना क्षेत्र के ग्राम सभा बड़िहारी निवासी एक शादी शुदा व्यक्ति द्वारा अपनी साली के साथ विवाह करने का मामला चर्चा में आते ही महकमे में हड़कंप मच गया। बताया जाता है कि इस शादीशुदा शख्स के बच्चे भी हैं। लेकिन इसके बाद भी सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी के लिए पंजीकरण करा लिया और साली से शादी भी रचा ली। शादी समारोह में मिले उपहार को भी उठा लाया। विभागीय सूत्रों का कहना है कि अभी इस जोड़े में से किसी के खाते में धनराशि को नहीं भेजा गया है।
सामूहिक शादी समारोह में कथित फर्जीवाड़ा से जिम्मेदारों के होश उड़ गए हैं। प्रति शादी 51 हजार रुपये खर्च होते हैं और सरकार गरीबों की शादी कराने के लिए इतनी रकम खर्च करती है। पंजीकरण के बाद इसका सत्यापन कराया जाता है। जिसमें पता लगाया जाता है कि आवेदक जोड़ा पात्र है या नहीं? इसके बाद भी शादीशुदा शख्स द्वारा अपनी साली से शादी रचाने के मामले ने जिम्मेदारों के होश फाख्ता हो गए।