सब कुछ भूल के बेइंतहां चाहा है तुम्हें…?

प्रस्तुतकर्ता – संदेश महल

सब कुछ भूल के बेइंतहां
चाहा है तुम्हें…!!

तुम जो भूले तो…!
हम टूट के बिखर जाएंगे…..!!

बिखरे बिखरे से थे
तेरी बाहों ने समेटा है हमें

अब जो टूटेंगे तो…!
कभी जुड़ भी नहीं पाएंगे…..!!

ना गिला वक़्त से
ना सितारों से जिरह है कोई

तक़दीरों से हम
कहाँ लड़ पाएंगे…..!!

ख़ुद को खोया है
बड़े शौक से…!

तुझे पाने के लिए
तुम से बिछड़े जो कभी…!
ख़ुद से मिल ना पाएंगे..!!

साभार फेसबुक – सरिता मेरी सहेली