रिपोर्ट
प्रवीन कुमार
आगरा संदेश महल समाचार
भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के छलेसर कैंपस में डिग्रियां तैयार कराई जा रही हैं। अब तक चार हजार डिग्रियां तैयार हो चुकी हैं। जिन आवेदकों के पते विश्वविद्यालय को मिल गए हैं, उनका सत्यापन कराया जा रहा है। सत्यापन होते ही विश्वविद्यालय से डिग्रियां डिस्पैच कर दी जाएगी।डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में 10 से 15 वर्ष पुरानी डिग्री लंबित हैं। आवेदन करने पर भी छात्रों को डिग्री नहीं मिली।आवेदकों के पते का विश्वविद्यालय के पास रिकॉर्ड भी नहीं था। ऐसे में बीते महीने इन सभी आवेदनों को डिग्री सेक्सन और अन्य विभागों से छंटाई कराई गई थी। इनकी संख्या 20 हजार से अधिक मिली थी। इन सभी को चरणबद्ध ऑनलाइन किया गया। इसी के आधार पर डिग्री तैयार की जा रही है। इनमें से 2015 से 2019 सत्र के आवेदकों के पते मिल गए हैं।सत्यापन के बाद विश्वविद्यालय से ही डिस्पैच कराया जा रहा है।
सबसे ज्यादा बीएड की डिग्रियां
विश्वविद्यालय की ओर से तैयार की गई चार हजार डिग्रियों में सबसे ज्यादा बीएड की हैं। इनकी संख्या करीब 70 फीसदी है। सबसे ज्यादा परेशानी बीएड के 2010 से 1014 सत्र की हैं, इन सत्रों की जांचें भी चल रही हैं, इस कारण अभी विवि ने 2015 सत्र से डिग्रियां बनाने पर प्राथमिकता दी है।
पुराने आवेदनों का ऑनलाइन डेटा बनाया
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि डिग्री के पुराने आवेदनों को ऑनलाइन कर डेटा बनाया गया है, इसमें से पहले चरण में चार हजार डिग्रियां तैयार हो गई हैं। इनकी डिग्री विभाग में रिसीविंग कराने के बाद डिस्पैच कराना शुरू कर दिया जाएगा। पुराने और आवेदनों की छंटाई का कार्य लगातार चल रहा है, इनको भी तैयार कर डिस्पैच करेंगे।
अब डिग्री बनाने में तेजी आई है
कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल ने बताया कि डिग्री की परेशानी कई वर्षों से चली आ रही है। इसके एकमुश्त निपटारे के लिए सभी आवेदनों की सूचीबद्ध कराते हुए ऑनलाइन कराया जा रहा है, जिससे विवि के पास इनका रिकॉर्ड रहे और चरणबद्ध डिग्री बनती जाएं। पूर्व के मुकाबले अब डिग्री बनाने में तेजी आई है।