रिपोर्ट
गौरव गुप्ता
लखीमपुर-खीरी संदेश महल समाचार
बारिश के चलते किसानों के चेहरों पर उदासी छा गई है। कुछ किसान पानी भरने से खेतों में फसल नहीं बो सके और जिनके खेतों में फसल खड़ी है, उनको भी चिंता खाए जा रही है।
किसानों का कहना है कि इस साल ऊपर वाला भी उनकी परीक्षा ले रहा है। भारी बारिश और बाढ़ से पहले ही किसानों की धान की फसल नष्ट हो गई थी। इससे किसान की कमर टूट गई थी। खेतों में नमी अधिक हो जाने से वे समय से गेहूं की फसल नहीं बो पाए और अक्टूबर में बोया जाने वाला गन्ना व लाही बो सके। किसान लखवीर सिंह बताते हैं कि ठंड में बारिश से नीचे इलाके में गेहूं न के बराबर होगा। नमी के चलते लेट बोए गए गेहूं की पैदावार कम होगी। लाही व मसूर की फसलों को भी झटका लगा है। उमाशंकर कहते हैं कि एक तरफ छुट्टा व जंगली जानवर फसलें बर्बाद कर रहे हैं तो दूसरी तरफ ऊपरवाला भी परीक्षा ले रहा है। होशियार सिंह बताते हैं कि बेमौसम बरसात से खेतो में पानी भर जाने से गन्ना भरी ट्रालियां निकालना मुश्किल हो रहा है।