राधिका नर्सिंग होम सहित अट्ठारह को नोटिस झोलाछाप डॉक्टर्स बनें मौत के सौदागर

 

जेपी रावत
सीतापुर संदेश महल
राधिका हॉस्पिटल नेरी रोड पिसावां बरगावां का एसआर हास्पिटल,पिसावां का बाला जी हास्पिटल,नवजीवन हास्पिटल,जेके हास्पिटल, लखनऊ क्लीनिक गुरुसंडा जायसवाल हास्पिटल,लाईफ हास्पिटल,सावित्री हास्पिटल सहित अट्ठारह लोगों को स्वास्थ्य मोकहमे ने नोटिस दे कर अस्पताल संचालकों से सम्बंधित दस्तावेजों की मांग की गयी थी। साथ ही नोटिस में यह भी बताया गया था कि अस्पताल के संचालक दो दिन के अंदर अस्पताल के कागजात नहीं प्रस्तुत करते है तो उस पर एफआईआर दर्ज कर अस्पतालों को सीज कर दिया जायेगा।

‌राधिका अस्पताल को जारी नोटिस

12 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी कर अल्टीमेटम दिया था। लेकिन दो दिन तो दूर आज दस दिन गुजरने को है लेकिन अवैध रूप से संचालन कर रहे नर्सिंग होम संचालकों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। इतना जरूर हुआ कि 21 अगस्त की रात राधिका हॉस्पिटल में भर्ती एक प्रसूता की मौत जरूर हुई। इतना ही नहीं एक अन्य हॉस्पिटल में महिला की मौत होने की जानकारी मिल रही है। मौतगाह बना राधिका नर्सिंग होम महिलाओं की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है। इसके पूर्व में भी महिला की मौतों के मामले सामने आ चुके हैं।इस अस्पताल का सबसे बड़ा हथियार है मौत के बाद मृतक के परिजनों से समझौता। जिसका महारथ इस अस्पताल संचालिका को हासिल है।गौरतलब हो कि स्वास्थ्य विभाग ने यह तो माना कि पिसावा में अवैध हॉस्पिटलों की बाढ़ है। इसको लेकर भाकियू भी आन्दोंलित है। नर्सिंग होम संचालकों के विरुद्ध आगे की कार्रवाई का इंतजार आवाम को है। यह भी बताते चलें कि अस्पतालों में न तो स्थाई चिकित्सक बैठते हैं। और न ही प्रशिक्षित स्टाफ। साथ ही मरीज की गंभीर हालत की स्थिति का सामना करने के लिए इनके पास कोई पर्याप्त संसाधन भी नही उपलब्ध हैं।मरीजों की देखभाल जिम्मा सिर्फ अप्रशिक्षित स्टाफ के भरोसे रहता है। जो महिलाओं की मौत के सौदागर बने हुए हैं।