पिसावां नर्सिंग होमों का बना हब राधिका हॉस्पिटल सिर्फ बानगी

जेपी रावत
सीतापुर संदेश महल
पिसावा में नर्सिंग होमों के संचालक स्वास्थ्य महकमा को मुंह चिढ़ा रहे हैं।12 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग ने 18 लोगों को नोटिस जारी कर अस्पताल संचालकों से सम्बंधित दस्तावेजों की मांग की गयी थी। लेकिन वह भी ढाक के तीन पात जैसी सावित हो रही है।


सीएचसी अधीक्षक डॉ अशोक कुमार के मुताबिक जो भी अस्पताल के संचालक दो दिन के अंदर अस्पताल के कागजात नहीं प्रस्तुत करता है तो उस पर एफआईआर दर्ज कर स्पतालों को सीज कर दिया जायेगा। जिसमें
राधिका हॉस्पिटल नेरी रोड पिसावां बरगावां का एसआर हास्पिटल,पिसावां का बाला जी हास्पिटल,नवजीवन हास्पिटल,जेके हास्पिटल, लखनऊ क्लीनिक गुरुसंडा जायसवाल हास्पिटल,लाईफ हास्पिटल,सावित्री हास्पिटल सहित अन्य तमाम अस्पताल शामिल हैं। इन अस्पतालों को कहां से संजीवनी मिल रही है। यह भी जांच का विषय है। बड़ी सुविधाओं का दावा करने वाले यह नर्सिंग होमों पर छोटे से लेकर बड़े तक हर तरह का आपरेशन संभव है। जिसका वेखौफ दावा किया जा रहा है।जबकि यहां नर्सिंग होम जैसी मानको व गुणवत्ता का घोर अभाव है। हकीकत तो यह है कि नर्सिंग होम के नाम से स्वास्थ्य विभाग में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। इसके उपरान्त भी बैखौफ पिसावा में चौराहे से लेकर कस्बे के अन्य स्थानों पर नर्सिंग होमों के बोर्ड देखा जा सकता है।कुल मिलाकर बिना किसी रजिस्ट्रेशन व डिग्री के डाक्टर नर्सिंग होम स्वास्थ्य विभाग को मुंह चिढ़ा रहे है।गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए जाती है तो उनके तीमारदारों का मानना है कि “जान हैं तो जहान है” के तर्ज पर धन लुटाने को भी तैयार हो जाते है। फिर क्या प्रसूताएं इन्हीं नर्सिंग होम संचालकों की बलि वेदी पर चढ़ जाती हैं।