मनीष कुमार रामनगर बाराबंकी सन्देश महल समाचार।बाराबंकी जिले की तहसील रामनगर के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में लगभग तैयार धान की फसलें बारिश और तेज हवाओं के चलते जमीन पर गिर गई है। अपनी गाढ़ी कमाई से अधिक से अधिक लागत लगाकर वह अपनी बरबाद हो रही फसलों को देखकर दुखी और मायूस हो गया है।कुछ भी हो वास्तव में देखा जाए तो इस महंगाई में किसान दिन रात मेहनत करके अपनी फसलों को किसी तरह तैयार करता है।अपनी लहलहाती फसल को देखकर खुशी होती है।परंतु प्रकृति के प्रकोप से बरबाद फसलों को देखकर मन दुखी हो जाता है।
इस भयंकर नुकसान से किसान परेशान हो जाता हैं क्योंकि कभी कभी किसान की लागत मूल्य का वापस लौटना नामुमकिन हो जाता है।अब देखना यह है कि हमारी प्रदेश सरकार इन किसानों के दर्द और दुख को लेकर उनके प्रति कितना गंभीर होती है।और उनकी क्या आर्थिक मदद करती है ।