आगामी त्योहारों के मद्देनजर जिलाधिकारी ने खाद पदार्थों की गुणवक्ता हेतु दिए दिशानिर्देश

 

हिमांशु यादव
मैनपुरी संदेश महल समाचार

धार्मिक स्थलों के आस-पास बिकने वाले भोग प्रसाद, स्कूलों में मिलने वाले मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता की नियमित जांच हो-अंजनी कुमार

जनपद मैनपुरी में मिलावटी, अद्योमानक खाद्य पदार्थों की बिक्री किसी दशा में न हो, आगामी त्योहारों को दृष्टिगत रखते हुए मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए निरंतर प्रवर्तन की कार्यवाही की जाये, खुले पेय पदार्थ की बिक्री किसी दशा में न हो, शासकीय कार्यालयों, आवासीय विद्यालयों, अन्य प्रतिष्ठानों के आस-पास के दुकानदारों, हथठेले वालों की गहनता से जॉच हो, नियमित रूप से सेम्पल लिये जायें, जो भी सेम्पल जॉच हेतु भेजे जायें। उनकी रिपोर्ट समय से मंगाने की व्यवस्था हो, खाद्य सुरक्षा सम्बन्धी जो भी वाद विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं उन्हें प्राथमिकता पर निबटाया जाये, खाद्य निरीक्षक अपने-अपने क्षेत्र में निरतंर प्रवर्तन की कार्यवाही करें। खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों, अद्योमानक खाद्य सामग्री की बिक्री में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही की जाये। जॉच के नाम पर किसी भी व्यापारी, दुकानदार का शोषण न हो, सुनिश्चित किया जाये। उक्त निर्देश जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की जिला स्तरीय समिति की बैठक में देते हुए कहा कि आमजन को शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध हो। उन्होने खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि लोगों को अपमिश्रित खाद्यान्न सामग्री न मिले, बाजार में गुणवत्तायुक्त सामग्री की बिक्री हो इसके लिए निरंतर प्रभावी कार्यवाही की जाए। उन्होने खाद्य एवं औषधियों में अपमिश्रण रोकने के लिए की गयी कार्यवाही की जानकारी करने पर पाया कि खाद्य अनुभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 659 निरीक्षण, 122 छापे की कार्यवाही कर 133 नमूने संग्रहित कर 95 वाद अपर जिलाधिकारी न्यायालय एवं 16 वाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम के यहां दायर किये गये, दायर वादों के सापेक्ष अपर जिलाधिकारी न्यायालय से 29 वाद निर्णित कर 09 लाख 02 हजार रू. का जुर्माना वसूला गया, अब तक 730 बड़े एवं 5700 छोटे खाद्य प्रतिष्ठानों के लाइसेंस जारी किये गये। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि आमजन को मिलावट की पहचान, खाद्य पदार्थों के प्रयोग, रख-रखाव हेतु निरतंर जागरूकता अभियान संचालित किये जा रहे हैं, जागरूकता अभियान के अन्तर्गत 200 उपभोक्ताओं एवं 1088 स्कूलीें बच्चों को जागरूक किया गया है साथ ही खाद्य कारोबारकर्ताओं को कार्यशाला आयोजित कर भोजन को स्वच्छ बनाने, रखने, कच्चे माल में मिलावट की पहचान के तरीके 397 खाद्य कारोबारकर्ताओं को बताये गये।जिलाधिकारी ने खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रसूताओं, मरीजों को उपलब्ध कराये जा रहे नाश्ते-खाने की गुणवत्ता की जॉच करें, जनपद में संचालित आवासीय विद्यालयों में भी खाद्य सामग्री के नमूने लिये जायें, सभी मरीजों, प्रसूताओं, विद्यार्थियों को उच्च क्वालिटी का खाना मुहैया हो, सभी स्वास्थ्य केन्द्रों, संचालित आवासीय विद्यालयों का एफ.एस.एस.आई. में पंजीकरण कराया जाये, खाद्य निरीक्षक नियमित रूप से अपने-अपने क्षेत्र में प्रवर्तन कार्य बढ़ाकर अद्योमानक खाद्य सामग्री की बिक्री रोकें, चाय-समोसा-पकौड़ी, दूध, मावा, पनीर, विक्रेताओं पर खास नजर रखी जाये। उन्होने ड्रग निरीक्षक से कहा कि दवा विक्रेताओं के यहां भी नियमित रूप से जॉच की जाये, औषधि निरीक्षक ने बताया कि जनपद में 426 थोक एवं 1173 फुटकर औषधि विक्रेता हैं। उन्होने बताया कि नियम-51 के तहत 49, नवीन संविधान परिवर्तन के अन्तर्गत 90 निरीक्षण किये गये, जॉच के दौरान 23 लाइसेंस निलम्बित एवं 01 लाइसेंस निरस्त किया गया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु, अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर.सी. गुप्ता, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा श्वेता सैनी, जिला पूर्ति अधिकारी क्यामुद्दीन अंसारी, जिला विद्यालय निरीक्षक सतीश कुमार, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी दीपिका गुप्ता, खाद्य सुरक्षा अधिकारी सनोज कुमार, प्रदीप कुमार, जयदीप मौर्या, बृजेन्द्र कुमार, इन्द्रजीत सिंह आदि उपस्थित रहे, बैठक का संचालन मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी डा. ए.के. पाठक ने किया।