52वें राष्ट्रीय रामायण मेला महोत्सव के चौथे दिन रामकथा प्रवचन सभा का आयोजन

कार्यालय संवाददाता चित्रकूट संदेश महल
रामायण मेला भवन में चल रहे 52वें राष्ट्रीय रामायण मेला महोत्सव के चौथे दिन रामकथा प्रवचन सभा का आयोजन हुआ। इस अवसर पर झांसी चिरगांव की मानस मंदाकिनी पांडेय ने राम भक्ति का महत्व समझाया।उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के प्रति हृदय में प्रेम होना आवश्यक है। उन्होंने गणिका और शबरी का उदाहरण देते हुए बताया कि निष्कपट भक्ति से ही प्रभु के दर्शन संभव हैं।सनत कुमार मिश्र रामायणी ने राम नाम की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि राम नाम मणि दीप के समान है, जो भीतर और बाहर दोनों को प्रकाशित करता है।बृजेन्द्र शास्त्री ने राम नाम के महत्व को समझाते हुए एक रोचक तथ्य बताया। उन्होंने कहा कि मीठी वाणी से गाया गया राम नाम सभी विपदाओं का नाश करता है। जबकि कटु वचनों से जीवन में कलह उत्पन्न होता है।कार्यक्रम में ग्वालियर के श्रीलाल पचौरी ने सगुण भक्ति की महत्ता को भावपूर्ण कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस ज्ञानवर्धक गोष्ठी का संचालन कवि रामलाल द्विवेदी ‘प्राणेश ने किया।चित्रकूट में 52वें राष्ट्रीय रामायण मेले का शुभारंभ मध्य प्रदेश की राज्य मंत्री प्रतिमा बागड़ी ने दीप प्रज्वलित कर मेले का उद्घाटन 26 फरवरी को किया। डॉक्टर राम मनोहर लोहिया द्वारा स्थापित यह मेला प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।मेले के अध्यक्ष प्रिंस द्विवेदी ने बताया कि मेले के साथ विभिन्न प्रकार की प्रदर्शनियां भी लगाई गई हैं। 2 मार्च को तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु रामानंदाचार्य पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य मेले का समापन करेंगे।