सीतापुर से संदेश महल ब्यूरो रिपोर्ट सूर्य प्रकाश मिश्र के साथ
दीवार विवाद सुलझाने पहुंचे दो सिपाहियों पर गांव की पूर्व महिला प्रधान के बेटों ने सहयोगियों संग मिलकर हमला कर दिया।और सिपाहियों की लाठी-डंडों से बुरी तरह पिटाई भी की। जिसमें से एक आरक्षी जख्मी भी हो गया।जिसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसपी आरपी सिंह समेत कई थानों की पुलिस गांव पहुंच गई। बताते चलें कि मानपुर इलाके के फूलपुर निवासी जगन्नाथ द्वारा बनाई जा रही दीवार के पास गांव की ही पूर्व प्रधान श्याम सुंदरी पत्नी राम आसरे रास्ता मांग रही थीं। जिसके चलते शनिवार को विवाद हो गया था। इस पर जगन्नाथ ने पुलिस बुलाई थी। मानपुर थाने के सिपाही कर्मवीर व प्रदीप मामले को सुलझाने मौके पर गए थे। यहां पुलिसकर्मियों व महिला पूर्व प्रधान के बेटों में तकरार हो गई। बात बढ़ने पर पूर्व प्रधान के पुत्र सुनील कुमार व उसके 3-4 सहयोगियों ने मिलकर सिपाहियों पर हमला कर दिया जिसमें सिपाही कर्मवीर जख्मी हो गया है। दूसरे को मामूली चोट आई है। घायल सिपाही को सीएचसी मानपुर से जिला अस्पताल भेजा गया है।सूचना पर सीओ लहरपुर पीयूष कुमार सिंह एसओ मानपुर राय साहब द्विवेदी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। बाद में खैराबाद पुलिस समेत कई थानों की पुलिस घटना स्थल पर बुला ली गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए गांव में पीएसी तैनात कर दी गई है। विवाद से जुड़े लोग गांव से भाग गए हैं। अन्य लोग भी सहमे हैं। एसओ मानपुर ने बताया कि जांच की जा रही है। केस दर्ज कर कार्रवाई होगी।सिपाहियों पर हुए हमले के मामले में गांव की पूर्व महिला प्रधान के बेटे ने इन आरोपों को गलत बताया है। पूर्व प्रधान श्याम सुंदरी के पुत्र सुशील भार्गव ने बताया कि सिपाही ने उसकी बहन रेखा व मां को मारा पीटा है। दीवार के निर्माण में लगी सरिया से सिपाही को चोट आई है।एएसपी दक्षिणी नरेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि मानपुर के फूलपुर गांव में दो पक्षों में गली को लेकर विवाद हुआ था। थाने से दो सिपाही मौके पर गए थे। इस बीच दोनों पक्षों में मारपीट होने लगी। दोनों पुलिसकर्मी उनको छुड़ाने में लग गए। इसी बीच एक सिपाही को डंडा लग गया। उसका इलाज करा दिया गया है। तहसीलदार मिथलेश त्रिपाठी ने बताया कि गाटा संख्या 1 28 व 135 (नवीन परती भूमि) पर उत्तर प्रदेश राजस्व अधिनियम 2016 की धारा 67 के अंतर्गत वाद लंबित था जिसमें न्यायालय तहसीलदार सिधौली द्वारा दिसम्बर 2014 में बेदखली का आदेश पारित था। रविवार को नायब तहसीलदार, बीडीओ, कानूनगो, आठ लेखपालों की टीम तथा भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अवैध निर्माण हटवाया गया।अवैध कब्जेदार जगन्नाथ व रामआसरे के विरुद्ध 30 दिसम्बर 2014 को बेदखली का आदेश पारित किया गया था। तहसील प्रसाशन की निष्क्रियता के चलते लगभग छह वर्ष बाद भी बेदखली नहीं हो सकी। यदि इस पर समय से कारवाई की जाती तो शायद उक्त घटना नहीं होती। प्रभारी निरीक्षक राय साहब द्विवेदी की सजकता से बड़ी घटना टल गई। उन्होंने बताया कि 14 लोग नामजद व आठ अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज हुआ है। 24 घंटे के अंदर 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य लोगों की तलाश जारी है, जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।