सीतापुर से संदेश महल ब्यूरो रिपोर्ट सूर्यप्रकाश मिश्र के साथ
आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेकर देश के आम लोगों की बेहतरी के सपने देखने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सूरज प्रसाद पांडेय के पोते को आज एक अदद आवास की दरकार है। कच्चे जर्जर घर में किसी तरह गुजारा करने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के पौत्र आदेश जिम्मेदारों को कई बार अपना टूटा-फूटा घर दिखा चुके हैं फिर भी कुछ नहीं हुआ। बारिश में कच्ची दीवार पर पन्नी तानकर रहने को विवश हैं।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. सूरज प्रसाद पांडेय के जरिए कस्बा सेउता को एक नई पहचान मिली। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ स्वाधीनता की अलख जगाने के चलते कई बार इन्हें जेल जाना पड़ा। अंग्रेजों के जुल्म सहने पर भी इनका हौसला नहीं डिगा। गांव के बुजुर्ग मोलहे मौर्य बताते हैं भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद भी वह किसी के साथ अन्याय होता देख उसकी मदद को खड़े हो जाते थे। आज उनके पौत्र आदेश पांडेय का परिवार आर्थिक तंगी की मार झेलने को मजबूर है।
चार बीघा जमीन पर कड़ी मेहनत के बाद पत्नी व दो बच्चों का किसी तरह पालन-पोषण करने वाले आदेश का कच्चा मकान जर्जर हो चुका है। बरसात में छत से पानी टपकने पर झिल्ली बांधकर रहने को विवश हैं। कच्ची दीवार पिछले एक पखवाड़े में दो बार ढह चुकी है। गनीमत रही कोई अनहोनी नहीं हुई। घर टूटा होने से विषैले जीव अंदर आ जाते हैं।
आदेश बताते हैं कि लगातार तीन वर्ष से ग्राम प्रधान से लेकर शासन स्तर तक आवास व राशन कार्ड के लिए गुहार लगा रहे हैं। लेकिन आज तक कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई है। इनके पड़ोसी अधिवक्ता अनिल अवस्थी ने बताया हमने भी अपने स्तर से काफी प्रयास किया, पर बात नहीं बनी। खंड विकास अधिकारी हनुमान प्रसाद मिश्रा ने बताया कि यदि आवेदन किया होगा तो आवास प्लस में दिखवाएंगे। नाम होने पर आवास जरूर दिलाया जाएगा।