रिपोर्ट
जेपी रावत/पीएन सिंह
संदेश महल समाचार
शिक्षा से विद्यार्थियों की जिंदगी में उजाला भरने वाले सरकारी स्कूलों में अभी तक अंधेरा पसरा हुआ है।ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित स्कूल ऐसे हैं, जिनमें विद्युत कनेक्शन नहीं हैं। यदि कनेक्शन है तो वायरिंग नहीं। वायरिंग है तो विद्युत पोल से कनेक्शन मीटर तक न जाकर गुरुजी की कुर्सी से जुड़ गया है। कुछ ऐसा ही नजारा उत्तर प्रदेश के जिला बाराबंकी के शिक्षा क्षेत्र सूरतगंज में संचालित जूनियर हाईस्कूल एवं प्राथमिक विद्यालयों में देखने को मिला।कही तो गुरुजी लापता तो कहीं पर विद्यालय के मुख्य गेट पर लटकता ताला, बाउंड्री वॉल पर अंकित मास्टर साहब का नंबर मिलाने पर जबाव मिलता है डायल किया गया नंबर अमान्य है। तो कहीं विद्यालय में कनेक्शन नदारद है, वायरिंग का अता पता नहीं है, किन्तु विद्युत बिल लाखों का विद्यालय पहुंच चुका है। अब देखना है कि चाहे विद्युत विभाग हो या फिर शिक्षा विभाग आखिर क्या होती है इस पर कार्यवाही।
इन स्कूलों में बिजली पहुंचाने के लिए तमाम जतन किए गए। अफसोस,कोई भी अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाए। इस सबके बावजूद अभी तक इसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं तलाशी जा सकी है।
गौरतलब हो कि जनता को ‘सौभाग्य’ के रूप में बिजली दे रही सरकार अब तक शायद अंधेरे में थी। घर-घर बिजली पहुंचाने की मुहिम के बीच बच्चों का तो यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि अब तक पंखे की हवा और बिजली की रोशनी में पढ़ाई नहीं कर सके। विद्युत बकाया भुगतान की बात की जाए तो चतुर्थ राज्य वित्त आयोग के निर्देशानुसार ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित 50 फीसद धनराशि का उपयोग पूर्व सृजित संपत्तियों के रखरखाव में किया जा सकता है।ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित पूर्व माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालयों में बिजली बिल का भुगतान इस निधि से किया जा सकता है।
खंड शिक्षा अधिकारी विकास खंड सूरतगंज राजेंद्र सिंह से बातचीत के कुछ अंश
कुल विद्यालयों की संख्या
विकास खंड सूरतगंज में कुल संचालित विद्यालयों की संख्या 206 है। सभी विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन है। वायरिंग हो चुकी है,कुल 30889 बालक बालिकाएं अध्यनरत है।
विद्युत बिल भुगतान
विद्युत बिल भुगतान के संबंध में सीधा जवाब देते हुए बताया कि यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है,भुगतान ग्राम पंचायत के अधीन है।
अध्यनरत छात्रों की संख्या
इस पर बताया कि विकास खंड सूरतगंज अंतर्गत कुल छात्र अध्ययनरत हैं। अन्य सवालों का जिक्र न करते हुए सीधे हकीकत पर?
विद्यालयों की व्यवस्था पर एक नजर

1- पूर्व माध्यमिक विद्यालय दुर्गापुर नौबस्ता सहायक अध्यापक रामचरित चौधरी कार्यालय कार्य में मशगूल दिखे प्रधानाध्यापक के विषय मे जानकारी करने पर पता चला कि वह विद्यालय पहुंचे ही नहीं है। विद्युत कनेक्शन का नजारा ही अपने में बेमिसाल दिखा, विद्युत कनेक्शन पोल से आकर सीधे कुर्सी से जुड़ गया।

मीटर केविल तक पहुंचने की बात करना ही बेईमानी सावित होगी, कमरों में गंदगी का अंबार अपनी हकीकत को बयां कर रहा है।

2- प्राथमिक विद्यालय मंसुरिया विद्यालय के मुख्य गेट पर बंद ताला आगे बताने की जरूरत नहीं है। प्रधानाचार्य रामप्रवेश यादव गायब मिले वहीं रसोइया सीमा के पति से बात चीत करने पर संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।

3- प्राथमिक विद्यालय पंडित पुरवा विद्यालय परिसर में बैठे हरिश कुमार अपनी दस्तक की गवाही देते नजर आए। वहीं प्रधानाध्यापिका प्रियंका गुप्ता के विषय में बताया विद्यालय आ रही है।

4- प्राथमिक विद्यालय दशवंतपुर मुख्य गेट पर बंद लटकता ताला गुरूजी का अता पता नहीं।

वहीं बाउंड्री वॉल पर गुरूजी का लिखा नंबर डायल करने पर जबाव मिलता है डायल नंबर अमान्य है।वाह रे गुरु जी आपने तो हद ही कर दी।

5- जूनियर हाईस्कूल हेतमापुर प्रधानाचार्य सहजराम अपने सहायक राधेश्याम मौर्य,परितोष श्रीवास्तव सहित बच्चों को पढ़ाते मिलें। विद्युत कनेक्शन के संबंध में जानकारी करने पर बताया कि विद्यालय को 84395.04 रूपए का विद्युत विल प्राप्त हुआ है।

6- प्राथमिक विद्यालय हेतमापुर प्रधानाचार्य विनोद कुमार से बात चीत करने पर बताया कि विद्युत कनेक्शन विल 90000 रूपये से अधिक का विल प्राप्त हुआ है। जिसे ग्राम प्रधान के पास भेजा जा चुका है।
अब बात करते हैं विद्यालय व्यवस्था की हकीकत पर तो विद्यालय में आज तक कनेक्शन हुआ ही नहीं है। वायरिंग लापता। फिर भी विद्यालय को विल प्राप्त हो चुका है।

07- प्राथमिक विद्यालय बतनेरा में प्रधानाचार्य रामसिंह मुस्तैद मिलें विद्युत कनेक्शन दिखा वायरिंग मौजूद मिली।
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