रिपोर्ट
सूर्य प्रकाश मिश्र
सीतापुर संदेश महल समाचार
सरकारी मिशनरी से भरोसा अब लोगों का उठ चुका है। प्रसूताओं को समय से एंबुलेंस न मिल पाने की रोजाना आ रही शिकायतों से थक हारकर अब लोग इनसे तौबा कर लिया है। प्रसूता के परिजन बिना एंबुलेंस को फोन किए ही रात में तीन किलोमीटर बैलगाड़ी से चलकर सीएचसी पहुंचे। यहां पर प्रसूता ने एक बच्ची को जन्म दिया। उसके बाद वह बैलगाड़ी से ही अपने घर वापस चली गई।
रेउसा विकासखंड के ग्राम बभनेवा निवासी चांदनी को प्रसव पीड़ा हुई। देर रात हो चुकी थी। ऐसे में चांदनी परेशान हो रही थी। पति मोह मद रियाज का कहना है रोजाना प्रसूताओं का एंबुलेंस न मिलने की शिकायतें आती रहती है। कभी एंबुलेंस कर्मी डीजल न होने तो कहीं वाहन खराबी होने की बात कहकर मना कर दे रहे हैं। इससे प्रसूताएं खुद ही अपने साधन से अस्पताल पहुंच रही हैं।
इसी वजह से सोचा एंबुलेंस को फोन करेंगे तो वह नहीं आएगी। मन में ठान लिया कि अस्पताल तो पहुंचाना ही है। घर में खड़ी बैलगाड़ी पर ही चांदनी को बिठाकर सीएचसी की तरफ रवाना हो गया। करीब तीन किलोमीटर दो घंटे में चलने के बाद अस्पताल पहुंचा। यहां पर चांदनी से एक बच्ची को जन्म दिया। उसके बाद चांदनी बैलगाड़ी से ही वापस अपने घर लौट आई। जब बैलगाड़ी से मरीज सीएचसी पहुंचा तो लोग इसको देखकर हैरत में पड़ गए।