कहूँ तो माँ मारी जाए,न कहूँ तो बाप कुत्ता खाए जैसी सीतापुर पुलिस व्यवस्था

जेपी रावत
सीतापुर संदेश महल समाचार
रिश्वत को लेकर प्रताड़ना से परेशान दारोगा मनोज कुमार के द्वारा सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या किए जाने का मामला शांत भी नहीं हुआ कि रामकोट थाने में तैनात एक महिला आरक्षी का मामला सामने आया है। कुछ इस तरह से आ रहे प्रताड़ना के मामलों को लेकर ऐसा लगता है कि आवाम की सुरक्षा के सजग प्रहरियों की व्यवस्था रिश्वत की निव पर आकर टिक गई है।इस तरह के सामने आ रहे मामले इस बात का ज्वलंत उदाहरण है कि जनता का क्या हाल होगा। सच्चाई किसी से छुपी नहीं है। इनकी चक्की के पाटों के बीच जो फंसा वह पिस गया।कहावत है कि कहूँ तो माँ मारी जाए, न कहूँ तो बाप कुत्ता खाए वाली कहावत इन दिनों सीतापुर पुलिस प्रशासन पर चरितार्थ हो रही है।
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश के जनपद सीतापुर में रामकोट थाने के प्रभारी निरीक्षक बलवंत शाही सहित दो सिपाहियों पर रिश्वत के लिए प्रताड़ना का आरोप महिला आरक्षी ने लगाया है।महिला आरक्षी के द्वारा लगाए गए आरोपी को लेकर एसपी चक्रेश मिश्रा का कहना है कि यह मामला डेढ़ महीने पुराना है। इस प्रकरण की जांच सीओ महोली द्वारा की जा रही है।
रामकोट थाने पर तैनात एक महिला आरक्षी ने प्रभारी निरीक्षक बलवंत शाही सहित दो अन्य पुलिस कर्मियों पर रिश्वत के लिए प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया है। 11 मार्च 24 को पीड़ित महिला आरक्षी द्वारा डीजीपी को भेजे गए शिकायती पत्र में महिला आरक्षी का कहना है कि कई महीनों से उसके साथ भेदभाव किया जा रहा है। ड्यूटी के नाम पर हमेशा उसे बाहर भेजा जाता है।साथ ही उसकी संतरी पर ड्यूटी लगाई जाती है।जबकि महिला आरक्षण को बीट पर भेजने का आदेश है। महिला आरक्षी ने डीजीपी को भेजे गए शिकायती पत्र में प्रभारी निरीक्षक बलवंत शाही सहित एचएम शैलेश श्रीवास्तव हेड कांस्टेबल रविंद्र रावत पर कई अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं।

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