वैज्ञानिकों के दल ने नरैनी का टनाटन पहाड़ का किया अध्ययन

चित्रकूट संदेश महल
सतना जिले के चित्रकूट का टनटना पहाड़ नरैनी, अपनी भौगोलिक और प्राकृतिक विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है, यहां की संगीतमय चट्टान अब जियोपार्क के रूप में मान्यता प्राप्त करने के रास्ते पर है। हाल ही में इस क्षेत्र का दौरा करने के लिए एक प्रमुख वैज्ञानिकों के दल ने यहाँ की भूगर्भीय संरचनाओं और जैव विविधता का गहन अध्ययन किया। इस दल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ शामिल थे, जिनमें हालैण्ड निवासी और भारत में यूनेस्को के प्रमुख बेंन्नो बोअर, प्रोफेसर मुकुंद शर्मा, प्रोफेसर कौशल कुमार शर्मा, डॉ. अनिल साहू और स्थानीय निवासी शामिल थे।

वैज्ञानिक दल टनटना पहाड़ की भूगर्भीय संरचना, वनस्पतियों, जीवों और पर्यावरणीय स्थितियों का विस्तृत विश्लेषण किया। टीम ने यहाँ की चट्टानों, मिट्टी और अन्य भूगर्भीय तत्वों का गहन निरीक्षण किया। इस विश्लेषण के बाद उन्होंने पाया कि टनटना पहाड़ की भूगर्भीय विशेषताएँ और जैव विविधता इसे जियोपार्क के लिए उपयुक्त बनाती हैं। टनटना पहाड़ की प्राचीन चट्टानों और विविध भूगर्भीय संरचनाओं ने वैज्ञानिकों को प्रभावित किया। यह क्षेत्र लाखों वर्षों पुराना माना जाता है, और यहाँ की चट्टानें तथा मिट्टी की संरचना इस क्षेत्र के ऐतिहासिक और भूगर्भीय महत्व को दर्शाती है। इसलिये वैज्ञानिकों के दल ने इसे जियोपार्क के रूप में मान्यता देने की सिफारिश की है।