राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय का किया दौरा

कार्यालय संवाददाता संदेश महल
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के स्वामी विवेकानंद प्रेक्षा गृह में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में 500 से अधिक आंगनवाड़ी किटों का वितरण किया। उन्होंने कार्यक्रम में आंगनवाड़ी संसाधन किट वितरण में सहयोग करने वाली संस्थाओं को प्रमाण पत्र प्रदान किया, साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को 500 से अधिक मेडिकल किटों का भी वितरण किया, जो आंगनवाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों के स्वास्थ्य देखभाल के लिए उपयोग की जायेंगी। इसके अलावा, राज्यपाल जी ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए सोलर ऑटो ई-रिक्शा को हरी झंडी दिखाया जिससे महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो सकें। इस अवसर पर उन्होंने प्राथमिक विद्यालयों के लिए 100 से अधिक स्मार्ट क्लासेस के लिए एलईडी का भी वितरण किया, जिससे विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकों के माध्यम से बेहतर शिक्षा प्राप्त हो सके। राज्यपाल ने टी0बी0 मरीजों के लिए पोषण पोटली वितरित की, जिससे उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार हो सके। इस अवसर पर बच्चों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिनकी राज्यपाल जी ने सराहना की। उन्होंने बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए फल और उपहार भी वितरित किए। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों में ऐसे कार्यक्रम होते रहने चाहिए, क्योंकि इनसे बच्चों को सीखने का अवसर मिलता है और उनका उत्साहवर्धन होता है। उन्होंने कहा कि ये छोटे बच्चे ही हमारा भविष्य हैं, और देश की उन्नति के लिए उनका सही मार्गदर्शन आवश्यक है। अच्छे संस्कार और प्रशिक्षण से ही देश की प्रगति संभव है, इसलिए आंगनवाड़ियों को सुविधा संपन्न बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह कार्य जन सहयोग और संस्थाओं के योगदान से संभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि 1975 में आंगनवाड़ियों की शुरुआत हुई थी, लेकिन इतने वर्षों बाद भी कई आंगनबाड़ी केंद्रों के पास अपना भवन नहीं है और वहां बच्चों के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाई हैं। उन्होंने समाज और संस्थाओं से आंगनबाड़ी केंद्रों के विकास में योगदान देने की अपील की। राज्यपाल ने कहा कि जिस प्रकार एक माली छोटे पौधे की देखभाल करता है और उसे बड़ा करता है, उसी प्रकार छोटे बच्चों का समुचित लालन-पालन होना चाहिए। यह माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को अच्छे संस्कार दें। इसी उद्देश्य से आंगनवाड़ियों में गर्भ संस्कार का कार्य शुरू किया गया है, ताकि गर्भावस्था के दौरान ही माँ अपने बच्चे को सकारात्मक माहौल और शुद्ध वातावरण प्रदान कर सके। उन्होंने गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार देने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सरकार इसके लिए सहयोग कर रही है और आंगनवाड़ी केंद्रों में पौष्टिक भोजन की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि हर जिले में गर्भवती महिलाओं को पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराया जाए। राज्यपाल ने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को निर्देश दिया कि वे आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आंगनवाड़ी मेडिकल किट का प्रभावी उपयोग करें। उन्होंने बच्चों की शिक्षा, स्वच्छता और संपूर्ण देखभाल के लिए विशेष प्रयास करने पर जोर दिया। उन्होंने मेडिकल किट की सराहना करते हुए कहा कि यह बच्चों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में उपयोगी सिद्ध होगी और इस दिशा में कार्य करने वाले अधिकारियों को उन्होंने बधाई दी। श्री रामलला मंदिर का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह उनके लिए गर्व का विषय है कि वे मंदिर के उद्घाटन के समय उपस्थित थीं। उन्होंने अयोध्या जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए बाल विकास की नवीन स्वीकृति व 70 नए आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना के बारे में बताया और कहा कि सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए तथा नए केंद्रों के निर्माण हेतु आवश्यक बजट उपलब्ध कराना चाहिए। राज्यपाल ने योग के लाभों पर चर्चा करते हुए कहा कि बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए योग को अनिवार्य रूप से उनकी दिनचर्या में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि शत्-प्रतिशत प्रसव अस्पतालों में ही कराए जाने चाहिए और इस विषय में महिलाओं को जागरूक करने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से कहा कि सभी बच्चों को समान रूप से सुविधाएं मिलनी चाहिए और प्रबंधन के माध्यम से कार्यों को प्रभावी बनाया जाना चाहिए।