रिपोर्ट दियंश कुमार
लखीमपुर-खीरी संदेश महल समाचार
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद से निघासन विकास खंड की ग्राम पंचायत भेड़ौरी (बेलरायां) और आसपास के गांवों के करीब 40 मजदूर लापता हैं। इन सभी के मोबाइल फोन स्विच ऑफ हैं, जिससे इनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। यह सभी लोग तपोवन डैम में मजदूरी करने गए थे। लापता लोगों से संपर्क न होने से परिवार के लोग परेशान हैं।
उत्तराखंड, हिमाचल, पंजाब सहित अन्य प्रदेशों में इस क्षेत्र के लोग मजदूरी करने जाते हैं। डेढ़ महीने पहले ग्राम पंचायत भेड़ौरी के थारू बाहुल्य मजरा बाबूपुरवा निवासी हीरालाल पुत्र राकेश (19), सूरज पुत्र बेचूलाल (19) अर्जुन पुत्र दुखीराम (19) विमलेश पुत्र बंधा (25), गांव भूलनपुर निवासी धर्मेंद्र वर्मा पुत्र नत्थूलाल (22) तपोवन में मजदूरी करने गए थे, जिनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा गांव कड़िया निवासी अरुण पुत्र डमर बहादुर (20) का भी कोई पता नहीं चल रहा है। यही नहीं थाना सिंगाही के ग्राम भैरमपुर के रंजीत गिरि (25), पैकरमा गिरि (45), राजन बारी (21), झलरू यादव (22) समेत करीब 12 मजदूरों और पड़ोसी गांव इच्छानगर से करीब 28 लोग जो छह महीने पहले तपोवन मजदूरी करने गए थे। इन लोगों से परिवार वालों का संपर्क नहीं हो पा रहा है। इससे वे परेशान हैं।
परिवार वालों का कहना है कि रविवार को जब ग्लेशियर टूटने की जानकारी हुई तो उन लोगों ने इन लोगों के मोबाइल पर कॉल कर कुशलता जानने की कोशिश की पर संपर्क नहीं हो सका। इससे मजदूरों के घरों पर अफरातफरी का माहौल है।
चमोली में हुई त्रासदी में साथियों के साथ गांव बाबूपुरवा निवासी दुखीराम का 21 वर्षीय पुत्र विमल भी फंस गया था, वह सकुशल है। परिवार वालों के मुताबिक रविवार की दोपहर बाद विमल ने मोबाइल पर कॉल की थी। उसने बताया कि वह सकुशल है। विमल के हवाले से परिवार वालों ने बताया कि गांव के अन्य लोग तपोवन डैम के अंदर काम कर रहे थे, जबकि वह बाहर था। जब ग्लेशियर फटने के बाद उसने पानी की तेज आवाज सुनी तो वह भी शोर करता हुआ बाहर काम कर रहे अन्य साथियों के साथ भागा और जान बचाई।
तिकुनियां के प्रभारी निरीक्षक राजकुमार वर्मा का कहना है कि चमोली में हुए हादसे में छह लोग लापता हैं, इन लोगों का परिवार वालों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। इन संबंध में लगातार उनसे संपर्क साधने की कोशिश की जा रही है।
जिलाधिकारी के अनुसारउत्तराखंड के चमोली में खीरी के कुछ मजदूरों के लापता होने की सूचना सोशल मीडिया के जरिए मिली थी, जिसकी पुष्टि के लिए तिकुनियां पुलिस को मजदूरों के घर भेजा था। अभी उत्तराखंड सरकार या वहां के प्रशासन की ओर से कोई अधिकारिक जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।