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नर से बने नारी,बीबी को दिया तलाक,फिर से शादी की योजना

रिपोर्ट
जेपी रावत
संदेश महल समाचार

वाक्या मार्च 2020 का है। जब रेलवे रिकार्ड में को एक नया इतिहास दर्ज हुआ।जो वेहद चौंकाने वाला था। जहां पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल में सेवारत राजेश कुमार पांडे लिंग परिवर्तन के आधार पर सोनिया पांडे के नाम से नौकरी कर रही हैं। मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्मिक ने 4 मार्च को रेलवे के रिकॉर्ड में लिंग व नाम परिवर्तन का आदेश जारी कर दिया था। सोनिया ने महिला अधिकारों की लड़ाई सत्ताइस महीनों तक लड़ी। और यही से शुरू हुआ सोनिया के जिंदगी का सफर?

शुरू होती है सोनिया जिंदगी

राजेश उर्फ सोनिया पांडेय की जिंदगी की बडी ही दिलचस्प दास्तां है। बात करते हैं सोनिया के परिजनों की तो पिता रेलकर्मी थे, वर्ष 2013 में पिता की मौत के बाद,मृतक आश्रित कोटे पर राजेश पाण्डेय को नौकरी मिल गई। इज्जतनगर के मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में कार्यरत तकनीकी ग्रेड-एक के पद पर तैनाती मिली।

राजेश कुमार पाण्डेय के चार बड़ी बहने हैं। राजेश का विवाह वर्ष 2012 में राजेश की मर्जी के खिलाफ हुआ। जबकि राजेश विवाह नहीं करना चाहता था। क्योंकि राजेश की व्यवहारिकता में महिलाओं जैसे व्यवहार आने लगे थे। राजेश के मुताबिक जिससे पहले तो बहुत परेशान हुई लेकिन निर्णय लिया कि लिंग परिवर्तन कराऊंगी। मैंने पत्नी को समझाया और हम दोनों मर्जी से अलग हो गए। पत्नी से तलाक लेने के बाद दिल्ली में सेक्सोलॉजिस्ट से मिली तो उन्होंने सर्जरी करवाकर लिंग परिवर्तन की सलाह दी। पहले तो घरवाले तैयार नहीं थे। बहुत समझाना पड़ा। फिर समाज का ताना अलग से। लेकिन मैं टूटी नहीं। मानसिक रूप से खुद को मजबूत किया। इसमें दोस्तों ने मदद की। 10 दिसंबर 2017 में सर्जरी करवाकर वापस बरेली आ गई।

बरेली आई तब मैं राजेश पाण्डेय के नाम से हटकर सोनिया पांडेय हो चुकी थी। फरवरी के पहले सप्ताह में रेलवे विभाग ने राजेश की सोनिया पास और मेडिकल कार्ड पर लिंग महिला दर्ज कर दिया गया। यही से मेडिकल बोर्ड की राह आसान हो गयी।पहले तो अधिकारियों ने मना कर दिया था। किंतु मेडिकल रिपोर्ट में पाया गया कि उनमें भौतिक रूप से जेंडर डिस्फोरिया एक लिंग से दूसरे लिंग की चाह है। ऐसा हार्मोन के बदलाव से होता है।

अब राजेश पांडे बने सोनिया

जेंडर परिवर्तन के बाद सोनिया के सामने कई और संकट खड़े हो गए। समस्या यह थी कि सोनिया का बैंक अकाउंट,आधार कार्ड में राजेश पांडेय नाम था। पर्सनल बैंक अकाउंट खोलना चाहती थी। तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा काफी कोशिशों के बाद आधार कार्ड में नाम बदल पाया।
किंतु मेरे एकाउंट खाते में राजेश पांडेय वाला आधार लिंक था। बैंक में जब आवेदन किया तो कैंसल कर दिया गया। बताया गया कि एक ही फिंगर प्रिंट से दो नाम शो कर रहे है।रेलवे के अभिलेखों में मेरा नाम सही होने का इंतजार था। अब वह दिन आ गया है।अब शादी की योजना है। फिर से शादी करना चाहती हूं। सोनिया की मुश्किल यह है कि कोर्ट मैरिज के लिए उनके पास मुकम्मल कागजात नहीं है।