पैरा साइकिलिंग इन्फिनिटी राइड पहुंची बीएसएफ कैम्प मथुरा

रिपोर्ट
प्रताप सिंह
मथुरा संदेश महल समाचार

राइड के माध्यम से लोगों को प्रेरित करना मुख्य उद्देश्य

कश्मीर से कन्याकुमारी तक निकाली जा रही है पैरा साइकिलिंग

आदित्य मेहता फाउंडेशन ने नवोदित प्रतिभाओं को निखारने लिए की मिसाल कायम

बीएसएफ समर्थित आदित्य मेहता फाउंडेशन की छठवीं सवारी पहुंची मथुरा

5वीं कक्षा के 10 वर्षीय स्पर्श पैन्यूली रच रहे हैं। इतिहास

कान्हा की नगरी में बाद गांव स्थित 178वीं वाहिनी बीएसएफ कैम्प में कश्मीर से कन्याकुमारी जा रही पैरा साइकिलिंग इन्फिनिटी राइड पहुंची। जहां वाहिनी के कमांडेंट वीरेन्द्र दत्ता एवं द्वितीय कमान अधिकारी विनोद अधिकारी सहित डिप्टी कमांडेंट जे.एस. चौहान एवं असिस्टेंट कमांडेंट देवराज द्वारा पैरा साइकिलिंग इन्फिनिटी राइड के योद्धाओं का माला व पटुका पहनाकर भव्य स्वागत किया गया। वहीं वाहिनी के सब इंस्पेक्टर सादाब रहमानी एवं जवानों द्वारा तालियां बजाकर राइड के योद्धाओं का उत्साहवर्धन किया गया। कश्मीर से कन्याकुमारी की यह यात्रा बीएसएफ समर्थित आदित्य मेहता फाउंडेशन के तत्वावधान में निकाली जा रही है जो पिछले पांच वर्ष से आदित्य मेहता फाउंडेशन द्वारा बीएसएफ समर्थित निकाली गई है। अबकी वर्ष यह बीएसएफ समर्थित छठवीं यात्रा है।

आदित्य मेहता फाउंडेशन के जांबाजों ने लोगों को जागरुक करने एवं देश भर में नवोदित प्रतिभाओं को निखारने के लिए यह एक मिसाल पेश की है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक 3,868 किलोमीटर की दूरी पैरा साइकिलिंग इन्फिनिटी राइडर्स ने 19 नवंबर से 31 दिसंबर तक तय करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। बीएसएफ द्वारा समर्थित आदित्य मेहता फाउंडेशन की यात्रा का शुभारंभ 19 नवंबर के दिन श्रीनगर स्थित डल झील से राकेश अस्थाना महानिदेशक आईपीएस बीएसएफ द्वारा फ्लैग ऑफ कर किया गया। जो जम्मू-कश्मीर की कड़कड़ाती ठंड, हरियाणा, पंजाब से दिल्ली और यूपी में घने कोहरे के बीच होते हुए यह सवारी 14वें दिन मथुरा जनपद के बाद गांव स्थित 178वीं वाहिनी बीएसएफ कैम्प पहुंची है। आदित्य मेहता फाउंडेशन के फाउंडर आदित्य मेहता ने बताया कि उनका उद्देश्य देश भर में नवोदित पैरा खेल प्रतिभाओं को खोजना है। उन्हें उच्च स्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए और वैश्विक स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कराना है। एएमएफ पैरा-खेल व्यक्तियों के लिए आवश्यक विश्वस्तरीय सुविधा के साथ समर्थित अनगिनत चैंपियंस का उत्पादन करता है।

एएमएफ समर्थित एथलीट पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 90 से अधिक पदक प्राप्त कर चुका है। फाउंडेशन ने पहले से ही एक हजार से अधिक घायल जवानों एवं नागरिकों को पुर्नवास, पोषण और तैयार किया है और 200 से अधिक लाभार्थी जिन्हें अब तक खेल गतिविधियों के लिए प्रोस्थेटिक अंग और अनुकूलित अनुकूली उपकरण प्रदान किए हैं। सीमा सुरक्षा बल एकमात्र ऐसा संगठन था। जिसने यात्रा की शुरूआत से ही हमारे फाउंडेशन पर विश्वास किया और स्थापना के बाद से ही हमारा समर्थन किया है। पैरा साइकिलिंग एक्सपीडेशन में हरेन्द्र सिंह ने एशियन पैरा साइकिलिंग चैम्पियनशिप 2017 और 2018 में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। वहीं गुरलाल ने एशियन पैरा गेम्स 2018 में साइकिलिंग में कांस्य पदक एवं एशियन पैरा साइकिलिंग चैम्पियनशिप 2019 में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है।
पैरा साइकिलिंग इन्फिनिटी राइडर्स का उत्साहवर्धन करने के लिए दिल्ली से मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के डीजी आदित्य मिश्रा द्वारा मथुरा तक साइकिलिंग की गई। उन्होंने बताया कि जो सैनिक पूर्व में युद्ध-हमले में अपने अंग खो चुके होते हैं वो घर पर बैठे-बैठे मानसिक रूप से बीमार होने लगते हैं। उन्हें फाउंडेशन के द्वारा तैयार करते हुए एशियन गेम्स में पदक जीतने के लिए तैयार किया जाता है। सन वैली स्कूल देहरादून के 5वीं कक्षा के छात्र 10 वर्षीय स्पर्श पैन्यूली भी इस राइड में अपनी महत्वपूर्ण निभा रहे हैं। स्पर्श एक युवा योद्धा हैं जो पैरा-खेल को बढ़ावा देने एवं उनके सहयोग के लिए मुहिम में भाग लेकर धन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं। पैरा साइकिलिंग इन्फिनिटी राइड को मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के डीजी आदित्य मिश्रा लीड कर रहे हैं और द्वितीय कमान में मनोज पैन्यूली लीड कर रहे हैं। इस मौके पर अरशद, रमण कुमार, हरेन्द्र कुमार, अक्षय सिंह, गुरलाल सिंह, अजय सिंह, अथंग लोथा, शेख हरशद, तान्या डागा, आशा शेख, राहुल सहित 35 लोगों द्वारा इस मुहिम में भाग लिया गया है।

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