मैनपुरी
रिपोर्ट हिमांशु यादव
नगला तारा निवासी मालती देवी पत्नी गोविद गर्भवती हैं जो रुटीन चेकअप के लिए अस्पताल पहुंची थीं।चिकित्सक ने एक रुपये के पर्चे पर दवा लिखी और बाद में 100 रुपये लेकर आयरन सिरप की बाटल पकड़ा दी।साथ ही कोतवाली संसारपुर निवासी उपासना पत्नी रामजी भी जांच के लिए अस्पताल गई थीं उनके साथ भी यही हुआ शरीर में खून की कमी बताकर 100 रुपये में प्राइवेट कंपनी का आयरन सिरप की बाटल बेच दी गई। मैनपुरी सिर्फ दो महिलाएं ही नहीं गुरुवार को 100 शैय्या में गर्भावस्था की जांच के लिए पहुंचीं ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को महिला चिकित्सकों द्वारा ये सिरप बेचे गए असल में सरकारी अस्पताल में प्राइवेट कंपनी की साठ गांठ से दवाओं का यह धंधा लंबे समय से चल रहा है जांच के लिए आने वाली महिलाओं को चिकित्सक द्वारा पहले खून की कमी बताई जाती है उसके बाद उन्हें फोलिक एसिड और आयरन की दवाएं और सिरप बेच दिए जाते हैं विरोध होते ही अस्पताल प्रशासन में खलबली मच गई आनन फानन में दवाओं को समेटा जाने लगा सीएमएस डा. एके पचौरी ने इस पूरे मामले में जांच के निर्देश दिए हैं
दवा कंपनियों से मिलता है मोटा कमीशन
इस कारोबार के पीछे मोटा मुनाफा छिपा है दवा कंपनियां सरकारी डाक्टरों से साठ गांठ करती हैं उन्हें प्रिट रेट पर 50 फीसद कमीशन दिया जाता है बदले में डाक्टरों को उनकी दवा बिकवानी होगी महिला चिकित्सकों द्वारा बेचे जा रहे सिरप का प्रिट रेट 145 रुपये है जबकि चिकित्सकों द्वारा इसे 100 रुपये में गर्भवती महिलाओं को बेचा जा रहा है जितने सिरप बिकेंगे उनका कमीशन चिकित्सक के पास पहुंच जाएगा महीने भर बाद एक्सपायर हो जाएगा सिरप फेस्कार्बेट एक्सटीजेड नामक में फेरस एस्कार्बेट और फोलिक एसिड का सस्पेंशन है इसमें निर्माण तिथि जून 2019 दर्ज है दर्ज जानकारी के अनुसार यह सिरप नवंबर 2020 को एक्सपायर हो जाएगा। इससे पहले कि यह बर्बाद हो महिला चिकित्सकों के माध्यम से मरीजों के बीच इसकी सस्ते दामों पर बिक्री कराई जा रही है सरकारी अस्पताल में सभी दवाएं सीधे शासन स्तर से मुहैया कराई जा रही हैं जिसके लिए कार्पोरेशन बना हुआ है मरीजों को मुफ्त उपचार की सुविधा है यदि अस्पताल की महिला चिकित्सक दवाएं बेच रही हैं तो यह गंभीर बात है इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।