घनश्याम त्रिपाठी
संतकबीरनगर संदेश महल
उप कृषि निदेशक डा0 राकेश कुमार सिंह ने बताया है कि विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जनपद संत कबीर नगर के सभी विकासखंड में कृषकों को मृदा स्वास्थ्य पोषक तत्व के महत्व के संबंध में जागरूकता गोष्ठी आयोजित की गई। कृषि विभाग के द्वारा इन गोष्ठियों का आयोजन विकासखंड परिसर के मुख्यालय एवं राजकीय कृषि बीज भंडार पर किया गया। सहायक विकास अधिकारी कृषि के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें जनपद के सभी सम्मानित किसानों को प्रतिभाग कराते हुए उन्हें मृदा स्वास्थ्य को बढ़ाए जाने के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई गई। गोष्ठी में सम्मानित किसानों को अवगत कराया गया कि पौधों के पोषण के लिए कुल 17 तरह के पोषक तत्व की आवश्यकता होती है। जिसमें कार्बन हाइड्रोजन और ऑक्सीजन निशुल्क हवा एवं मृदा से प्राप्त हो जाते हैं। नाइट्रोजन फास्फोरस एवं पोटाश अधिक मात्रा में पौधों को चाहिए होते हैं, जिन्हें मुख्यतः रासायनिक उर्वरक यूरिया, डीएपी, मुयरेट ऑफ़ पोटाश के रूप में दिया जाता है। इसके अतिरिक्त कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, सल्फर, कॉपर, मोलिब्डेनम, बोरान, इत्यादि सूक्ष्म पोषक तत्व अल्प मात्रा में चाहिए होते हैं। यदि किसान जैविक विधि से गोबर की खाद, कंपोस्ट खाद, वर्मी कंपोस्ट फसल, अवशेष का प्रबंध खेत में ही करते हैं तो उससे जीवांश कार्बन की वृद्धि होती है और मृदा में ह्यूमस की मात्रा बढ़ती है, ह्यूमस तत्व इन सभी पोषक तत्वों को अपने अंदर बांधकर रखता है और मृदा में सूक्ष्म जीवो की वृद्धि होती है, जो वायुमंडल से नाइट्रोजन को मृदा में मिलते हैं और इसी प्रकार सूक्ष्मजीव फसल अवशेष का विघटन कर मृदा की उर्वरता को बढ़ाते हैं। जनपद में एकमात्र तहसील स्तरीय मृदा प्रशिक्षण प्रयोगशाला है, जिसके द्वारा इस वर्ष कुल 9000 मृदा नमूनों की जांच की गई और इसकी जांच रिपोर्ट सभी किसान भाइयों को उपलब्ध कराई जा चुकी है। जनपद में मुख्य रूप से ऑर्गेनिक कार्बन 0.3ः से 0.5ः है जो की सामान्यतः 0.8ः होना चाहिए। कुछ स्थानों पर फास्फेट की भी कमी है और सूक्ष्म पोषक तत्व में जिंक, बोरान, सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम की भी कमी परिलक्षित होती है। अतः किसान भाई मृदा का परीक्षण कर पोषक तत्व का उचित प्रबंध करने के उपरांत अच्छी खेती-बाड़ी कर सकते हैं।