सन्तकवि बैजनाथ की 193वीं जयंती पर साहित्यकारों ने दी श्रद्धांजलि

बाराबंकी संदेश महल समाचार
रामकथा-साहित्य के अमर भाष्यकार सन्तकवि बैजनाथ की 193वीं जयंती पर राष्ट्रभाषा परिषद के तत्वावधान में “भावांजलि समर्पण” कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन इंदिरा बाजार स्थित सन्तकवि बैजनाथ उद्यान में किया गया, जहां सन्तकवि की प्रतिमा पर पुष्पमालाएं अर्पित कर साहित्यकारों और विद्वतजनों ने श्रद्धांजलि दी।

कार्यक्रम का शुभारंभ तुलसी-साहित्य के अध्येता डॉ. वृजकिशोर पाण्डेय की अध्यक्षता एवं राष्ट्रभाषा परिषद के अध्यक्ष अजय सिंह ‘गुरुजी’ के संचालन में हुआ। प्रारंभ में डॉ. अम्बरीष अम्बर ने मंगलाचरण के रूप में वाणी-वंदना प्रस्तुत की।

इस अवसर पर प्रदीप सारंग, साहब नारायण शर्मा, प्रदीप महाजन, रणधीर सिंह, सुभाष चंद्र वर्मा, रमेश चंद्र भारती, तथा डॉ. ओ.पी. वर्मा ‘ओम’ ने अपनी काव्य-रचनाओं के माध्यम से सन्तकवि बैजनाथ को भावांजलि अर्पित की।

कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. वृजकिशोर पाण्डेय ने कहा कि सन्तकवि बैजनाथ रामकथा-साहित्य के पारदर्शी विद्वान थे। उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास कृत 16 ग्रन्थों पर टीकाएँ और भाष्य लिखकर साहित्य जगत को अनमोल धरोहर सौंपी। साथ ही उन्होंने महर्षि वाल्मीकि रचित वाल्मीकि रामायण और महर्षि व्यास कृत अध्यात्म रामायण का अनुसंधान कर उनका सुसंपादन एवं टीका-लेखन किया।

भावांजलि कार्यक्रम में प्रमुख रूप से विनय दास, डॉ. श्यामसुंदर दीक्षित, डा. सुधीर वर्मा, धीरेन्द्र कुमार वर्मा, दिनेश कुमार सिंह, ओमप्रकाश सिंह, तथा एड. रामलखन शुक्ल ने सन्तकवि बैजनाथ के व्यक्तित्व और कृतित्व के विविध पक्षों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के समापन पर नगर पालिका अध्यक्ष के प्रतिनिधि सुरेन्द्र सिंह वर्मा ने सन्तकवि बैजनाथ उद्यान के सौंदर्यीकरण एवं प्रतिमा पर छतरी निर्माण की घोषणा की।