प्राचीन सिद्धेश्वर मंदिर देवा शरीफ में भव्य रामलीला एवं दशहरा महोत्सव सम्पन्न

शिवशंकर शुक्ला
देवा शरीफ बाराबंकी संदेश महल
प्राचीन सिद्धेश्वर मंदिर, देवा शरीफ में पारंपरिक रामलीला एवं दशहरा महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। हर वर्ष की भांति इस बार भी मंदिर परिसर में हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे और भगवान श्रीराम की लीलाओं का सजीव मंचन देखकर भावविभोर हो उठे।
मंचन की शुरुआत श्रीराम वनगमन प्रसंग से हुई, जिसके बाद मृगवध, जटायु वध, सीता हरण, हनुमान जी की लंका यात्रा, मेघनाद वध जैसी दिव्य लीलाओं का नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया गया। मंच पर कलाकारों ने जीवंत अभिनय से ऐसा वातावरण निर्मित किया कि दर्शक स्वयं को त्रेता युग में उपस्थित महसूस करने लगे।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक शिवशंकर शुक्ल जी ने बताया कि सिद्धेश्वर मंदिर में दशकों से यह परंपरा चली आ रही है। यहाँ की रामलीला न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से नई पीढ़ी को हमारे धर्म, संस्कृति और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्श जीवन से प्रेरणा मिलती है।
स्थानीय ग्रामीणों, महिलाओं और बच्चों की भारी भीड़ ने जय श्रीराम के उद्घोष से पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। दशहरा के अवसर पर अहंकार के प्रतीक रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन कर बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश दिया गया।