सत चंडी महायज्ञ का हुआ विसर्जन भव्य भंडारे के साथ संपन्न हुआ धार्मिक आयोजन

मिश्रित (सीतापुर), संदेश महल समाचार।
महर्षि दधीचि की पावन चौरासी कोसीय परिक्रमा क्षेत्र में स्थित ग्राम बहादुरपुर मजरा राजेपारा में डेरी के पास विगत 3 अक्टूबर 2025, शुक्रवार से आरंभ हुई श्रीमद् देवी भागवत कथा एवं श्री सत चंडी महायज्ञ का सोमवार को विधिवत विसर्जन किया गया।

सात दिनों तक चले इस पावन आयोजन में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर भागवत कथा और देवी महिमा से ओत-प्रोत अमृतमयी वाणी का श्रवण किया। कथा व्यास पंडित मनोज शास्त्री जी और आचार्य राजन जी महाराज ने भक्तों को ज्ञान, भक्ति और कर्म की गंगा में डुबकी लगवाई।

आचार्य राजन जी महाराज ने अंतिम दिन कागभुसुंड और गरुड़ जी का प्रसंग सुनाते हुए जीवन में श्रद्धा, भक्ति और सत्कर्म के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “श्रीमद् देवी भागवत कथा एवं सत चंडी महायज्ञ में भाग लेने से सभी पापों का नाश होता है और मनुष्य के जीवन में शांति, समृद्धि और सद्बुद्धि का वास होता है।

कथा का पूर्णाहुति समारोह अत्यंत श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। कन्या भोज और विशाल भंडारे में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन स्थल पर भक्ति और आनंद का वातावरण छा गया।

इस महायज्ञ के मुख्य यजमान रहे —
श्री ललित किशोर त्रिवेदी (बाबू जी), श्रीमती पुष्पा त्रिवेदी, उत्कर्ष त्रिवेदी, और दुष्यंत त्रिवेदी।

यज्ञाचार्य की भूमिका में रहे पंडित कृष्ण कुमार मिश्रा जी (निवासी चौवा बेगमपुर, महोली) और संगीत की ध्वनि से कार्यक्रम को भक्ति-रस में पिरोया संगीत वादक शिवशंकर त्रिवेदी, ललित मिश्रा एवं स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने।

कार्यक्रम के संचालन और सहयोग में विजय कुमार त्रिपाठी, वीरभद्र शुक्ल, प्रवीण कुमार शुक्ल, सुशील तिवारी, समीर तिवारी, शांति तिवारी, मयंक तिवारी, बालकराम शुक्ल, कपिल शुक्ल, लवकुश त्रिवेदी, नमोनारायण शुक्ल सहित ग्राम व क्षेत्र के सैकड़ों श्रद्धालुओं का उल्लेखनीय योगदान रहा।

भक्ति और समर्पण की इस सात दिवसीय कथा के समापन पर ग्राम बहादुरपुर में धार्मिकता और सामाजिक एकता का अनुपम संगम देखने को मिला।