कहीं संतकबीरनगर में पीएम आवास के जांच की आंच में झुलस ना जाए भाजपा का मिशन 24

रिपोर्ट–घनश्याम त्रिपाठी
संतकबीरनगर,संदेश महल समाचार

आजमगढ़ में जांच के दौरान हुई गोलीबारी की घटना से हिल गया सचिव संवर्ग

संतकबीरनगर।अफसरशाही के चंगुल में फंसी संतकबीरनगर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना स्थानीय सत्तारूढ़ जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते कहीं भाजपा के मिशन 24 के लिए मुसीबत ना खड़ी कर दे। नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना में चल रहे भेदभाव ने गांवों में हलचल मचा दिया है। जिले स्तर पर अधिकारियों ने गांवों में तैनात सचिवों द्वारा आवास लाभार्थियों के पात्रता की क्रॉस जांच के लिए गैर ब्लॉक के सचिवों की टीम को तैनात कर दिया। जांच पर जांच के चल रहे प्रशासनिक खेल ने ग्रामीणों से लेकर ग्राम प्रधानों तक को मानसिक रूप से अस्थिर कर दिया है। मंगलवार को जब जिले के दक्षिणांचल के दो प्रमुख ब्लॉकों का जायजा लिया गया तो ग्रामीणों से लेकर खांटी भाजपाई ग्राम प्रधानों का तेवर बगावती नजर आने लगा। विधान सभा 2022 के चुनाव में कमल खिलाने की जिद में सब कुछ झोंकने वाले अधिकांश प्रधानों ने अपने जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते पार्टी के मिशन 2024 को पलीता लगाने की मुहिम पर काम शुरू करने का संदेश देना शुरू कर दिया। भाजपा से जुड़े दिग्गज प्रधानों का दावा है कि यदि उनकी ग्राम पंचायतों के गरीबों को जो पड़ोस के जिले के पात्रों वाली पात्रता की कैटेगरी में आने के बाद भी आवास से वंचित रह गए तो फिर वे अपनी आस्था बदलने को विवश हो जायेंगे। हालात को देखते हुए इस बात की चर्चा तेज है कि प्रधानमंत्री आवास योजना की जांच के आंच में झुलस रहे दोनो ब्लॉकों के प्रधानों का छलकता दर्द आने वाले मिशन 24 में सत्ताधारी दल के अरमानों को धूलधूसरित कर सकता है। वहीं दूसरी तरफ आजमगढ़ जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों की जांच के दौरान प्रधान और पूर्व प्रधान के खेमे के बीच हुए खूनी जंग से जांच करने वाले सचिवों में भी खौफ का माहौल कायम हो गया है। इस संबंध में पूछे जाने पर ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के जिला अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि आजमगढ़ की घटना हमारे सहयोगी सचिवों की सुरक्षा के लिए भी आइना है। बुधवार को सचिवों की बैठक में इस मुद्दे पर मशविरा करके जांच के लिए नई रणनीति बनाई जाएगी।