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लव जिहाद के मामलों पर योगी का एक्शन जरूरत पड़ी तो बनेगा कानून

रिपोर्ट
जेपी रावत
संदेश महल समाचार

उत्तर प्रदेश में ‘लव जिहाद’ के बढ़ते मामलों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया है। सीएम योगी ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कार्ययोजना बनाकर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैंयोगी सरकार ने पुलिस और गृह विभाग के अफसरों से कहा है कि जहां भी लड़कियों को धोखे में रखकर शादी करने और उसके बाद उन्हें प्रताड़ित करने के मामले जानकारी में आए उन पर पुलिस की ओर से अविलंब कार्रवाई की जाए।सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। ताकि आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सके। हाल ही में कानपुर में लव जिहाद के पांच मामले सामने आए थे। इन्हें लेकर वहां विरोध प्रदर्शन भी हुए। कानपुर की एक पीड़िता का विडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। वहीं, लखीमपुर और मेरठ में दो लड़कियों की हत्या भी हो गई। इन दोनों मामलों को भी लव जिहाद से जोड़कर देखा जा रहा था। मेरठ में इस हत्या के अलावा भी पांच मामले ऐसे आए जो लव जिहाद से जुड़े हुए थे।सांप्रदायिक माहौल को बिगड़ने से रोकने और महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीएम ने ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। ताकि धर्म की आड़ में महिलाओं पर अत्याचार न हों। पुलिस और गृह विभाग के अफसरों से कहा गया है कि जहां भी लड़कियों को धोखे में रखकर शादी करने और उसके बाद उन्हें प्रताड़ित करने के मामले जानकारी में आए उन पर पुलिस त्वरित कार्रवाई करे। सीएम योगी के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने कहा कि राज्य के अलग-अलग हिस्सों से लव जिहाद के मामले बढ़ रहे हैं। इस प्रकार मुख्यमंत्री ने गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक योजना तैयार करें। अधिकारियों से कहा गया है कि वे एक रणनीति तैयार करें और देखें कि नए कानून की आवश्यकता है या नहीं।अपर मुख्य सचिव, गृह, अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि यह एक सामाजिक मुद्दा है। इसे रोकने के लिए सभी मामलों को गंभीरता से लेना होगा। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता है और हमें कठोर होना होगा। अवस्थी ने कहा कि लव जिहाद से जुड़े मामलों की फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सुनवाई संभव है, क्योंकि इनमें से बहुत से मामले अदालतों में लंबित हैं। कहा कि इस मामले में आरोपी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या नया कानून लाया जाएगा, अवस्थी ने कहा कि चूंकि मौजूदा कानून पर्याप्त होगा, लेकिन इसे ठीक से लागू करने की जरूरत है।