रिपोर्ट
प्रेम कुमार
बाराबंकी संदेश महल समाचार
अखिलेश सरकार में बेलहरा को नगर पंचायत का दर्जा मिला तो लोगों की उम्मीदें जुवानी बयां होने लगी, आशाओं को पंख लग गए। मानों ऐसा लग रहा हो कि कस्बा बेलहरा की तस्वीर ही बदल जायेगी। बेलहरा कस्बे से नगर पंचायत में तो तब्दील हो गया, और विकास के नाम पर लाखों के वारे न्यारे भी हुए, विकास के नाम पर आवाम द्वारा तमाम हो हल्ला भी हुआ, किंतु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ? जिससे बेलहरा की सूरत बदल सके। हम आपको कस्बा के कुछ रास्तों से रूबरू कराते हैं, जिसकी यह पहचान है?
बजबजाती नालियां?
सड़कों पर बहता पानी?खुली नालियां?रास्तों पर जलभराव? इसके साथ बहुत कुछ बेलहरा नगर पंचायत के हकीकत की दास्तां उजागर करती हैं।सरकार नगर पंचायतों के विकास पर और स्वच्छता पर पानी की तरह पैसा बहा रही है। वहीं नगर पंचायत बेलहरा के विकास की पोल खोलता है रास्तों पर भरा गंदा पानी। कई तरह के संक्रमण रोगों को न्योता दे रही है।वार्ड संख्या 1 में गंदगी का अम्बार लगा है। यहां पर कच्चे रास्तों पर गंदा पानी ऐसे भरा है मानो तालाब हो, जिससे कई तरह के संक्रमण रोग फैलने की आशंका बनी रहती हैं। नगर पंचायत के जिम्मेदार लोग इस वार्ड के प्रमुख मार्गो की मरम्मत की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे ना तो इस वार्ड में जल निकासी की कोई व्यवस्था है। और ना ही अभी तक प्रमुख मार्गो पर इंटरलॉकिंग का काम किया गया है। जिससे इस वार्ड के लोगों में निराशा व्याप्त है।बरसात के शुरुआती दिनों में नगर पंचायत के द्वारा कच्चा नाला खुलवाया गया था उस नाले को खोदने के बाद जिम्मेदार लोग भूल ही गए कि जिस रास्ते पर इस नाले को खुदवाया गया है। वह रास्ता करीब 200 घरों के लोगों के आने जाने का प्रमुख मार्ग है प्रमुख मार्ग पर खोदकर मिट्टी डाली गई जिस पर अब पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा है वार्ड वासियों को अपने खेतों में पहुंचने के लिए काफी दूर घूमकर जाना पड़ रहा है ग्रामीण बताते हैं कि कई बार नगर पंचायत कार्यालय में समस्याओं के संबंध में शिकायत की गई लेकिन सुनने वाला नहीं है। जिससे लोगों में आक्रोश की भावना व्याप्त है।