बाराबंकी। हरख रेंज के वाकरगंज मजरे पारा इब्राहिम गांव में वन विभाग की टीम ने बृहस्पतिवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्रामीण के घर से करीब 17 किलो वजनी इंडियन सॉफ्ट शेल (Indian Softshell Turtle) प्रजाति का कछुआ बरामद किया। यह कछुआ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित प्रजातियों में शामिल है।
डीएफओ आकाशदीप बधावन ने बताया कि विभाग को सूचना मिली थी कि एक ग्रामीण ने अपने घर में दुर्लभ प्रजाति का कछुआ रखा है। सूचना की पुष्टि होते ही प्रभारी क्षेत्रीय वन अधिकारी मोहित श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई, जिसमें वन दरोगा और क्षेत्रीय गार्ड शामिल थे।
टीम ने वाकरगंज मजरे पारा इब्राहिम गांव में छापा मारकर मंगल रावत नामक ग्रामीण के घर से जीवित कछुए को बरामद किया।
पूछताछ के दौरान मंगल रावत ने बताया कि उसने इस कछुए को गांव से गुजर रही नहर से पकड़कर घर में रख लिया था। उसने दावा किया कि उसका उद्देश्य उसे बेचने का नहीं बल्कि देखने के लिए रखने का था। हालांकि, वन विभाग ने स्पष्ट किया कि किसी भी वन्य जीव को बिना अनुमति अपने पास रखना वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9 और 39 के तहत गंभीर अपराध है।
वन विभाग ने आरोपी मंगल रावत को मौके से गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। बरामद कछुए को सुरक्षित रूप से वन विभाग के संरक्षण केंद्र में भेजा गया है, जहां उसकी सेहत की जांच के बाद उसे प्राकृतिक आवास में छोड़ा जाएगा।
डीएफओ आकाशदीप बधावन ने बताया कि इंडियन सॉफ्ट शेल कछुआ एक विलुप्तप्राय प्रजाति है, जिसका अवैध शिकार और तस्करी अक्सर की जाती है। इस प्रजाति के कछुए की खाल और मांस की मांग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवैध बाजारों में होती है। उन्होंने कहा कि विभाग लगातार ऐसे मामलों पर निगरानी रखे हुए है और किसी भी व्यक्ति को वन्य जीवों के शिकार या संरक्षण के उल्लंघन की स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि यदि किसी को भी अपने क्षेत्र में वन्य जीव या पक्षियों की अवैध तस्करी या कैद की जानकारी मिले तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें।