रामनगर में सात माह बाद कराई गई मृत महिला की वसीयत, तीन पर धोखाधड़ी का केस दर्ज

रामनगर बाराबंकी संदेश महल
फर्जी परिवार रजिस्टर और मृत्यु प्रमाणपत्र तैयार कर एक मृत महिला की जमीन अपने नाम कराने के मामले में रामनगर कोतवाली में तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर की गई।

चाची की मृत्यु के सात माह बाद तैयार की गई वसीयत

कटहरी गांव निवासी सुंदरलाल शुक्ल ने अदालत में दी गई अर्जी में बताया कि उनके चाचा श्रीदत्त की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी छोटकी उन्हीं के घर में रहती थीं। बीमारी के चलते 18 जुलाई 1990 को चाची की मृत्यु हो गई थी।
आरोप है कि गांव के ही रामप्रसाद, अयोध्या प्रसाद और अनमोल सिंह ने 23 फरवरी 1991 को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वसीयत तैयार कर जमीन अपने नाम करा ली। इसके लिए फर्जी परिवार रजिस्टर और मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाया गया था।

मृत्यु के बाद वसीयतनामा तैयार

सुंदरलाल ने बताया कि उनकी चाची की वास्तविक मृत्यु 18 जुलाई 1990 को हो चुकी थी, जबकि वसीयतनामा 23 फरवरी 1991 का तैयार किया गया — यानी मृत्यु के सात माह पाँच दिन बाद। वसीयतनामा “महराजा बेवा श्रीदत्त” के नाम से तैयार कर लिया गया और उसी के आधार पर भूमि अपने नाम दर्ज करा ली गई।
इस वसीयत में अनमोल सिंह ने गवाह के रूप में हस्ताक्षर किए थे।

अदालत के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा

रामनगर के कोतवाल अनिल कुमार पांडेय ने बताया कि अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस टीम हर पहलू से जांच कर रही है। दस्तावेजों की सत्यता, गवाहों के बयान और भूमि अभिलेखों की जांच की जाएगी।
कोतवाल ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।