ब्रिटिश नागरिक बने मौलाना पर इस्लामीकरण फैलाने का आरोप, संतकबीरनगर में एफआईआर दर्ज

जेपी रावत
संतकबीरनगर संदेश महल
उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले में ब्रिटिश नागरिक बन चुके मौलाना शमसुल हुदा खान पर धोखाधड़ी, विदेशी फंडिंग में गड़बड़ी और इस्लामीकरण को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप लगे हैं। मौलाना के खिलाफ खलीलाबाद थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई मदरसा शिक्षा परिषद के आदेश पर की गई है।
मामले की शिकायत जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रवीण मिश्रा ने दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि शमसुल हुदा खान ने ब्रिटेन की नागरिकता लेने के बाद भी यूपी मदरसा शिक्षा परिषद से वेतन प्राप्त किया। इसके अलावा, उन्होंने प्रदेश में भूमि लेकर मदरसा संचालित किया और बाहरी संस्थानों व व्यक्तियों से फंड जुटाने में अनियमितताएं कीं।
एटीएस की जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि मौलाना शमसुल हुदा खान मदरसों के लिए फंड जुटाने में दलाली और हेराफेरी करता था। वह इस्लाम के प्रचार के नाम पर लगातार पाकिस्तान की यात्राएं कर रहा था। जांच एजेंसियों को शक है कि इन यात्राओं के दौरान उसने संदिग्ध संगठनों और कट्टरपंथी मौलानाओं से संपर्क साधे थे।
एजेंसियों के अनुसार, मौलाना शमसुल हुदा खान भारत में इस्लामीकरण की गतिविधियों को बढ़ावा देने में सक्रिय था। उसके जम्मू-कश्मीर स्थित संदिग्ध नेटवर्क से भी संबंध पाए गए हैं। इस खुलासे के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए उसके आजमगढ़ और संतकबीरनगर स्थित दोनों मदरसों की मान्यता रद्द कर दी है। साथ ही उसकी संस्था रज़ा फाउंडेशन एनजीओ का रजिस्ट्रेशन भी निरस्त कर दिया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, मौलाना की गतिविधियाँ लंबे समय से संदिग्ध बताई जा रही थीं। वह इंग्लैंड में रहते हुए भी भारत आकर मदरसों के संचालन में सक्रिय था और विदेशी फंड का इस्तेमाल धार्मिक प्रचार और सामाजिक गतिविधियों के नाम पर करता था।
पुलिस ने मौलाना के खिलाफ विदेशी मुद्रा अधिनियम और धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच खलीलाबाद पुलिस और एटीएस की संयुक्त टीम कर रही है।
प्रशासन ने कहा है कि अगर जांच में विदेशी फंडिंग के दुरुपयोग के ठोस प्रमाण मिलते हैं, तो आरोपी के खिलाफ संपत्ति जब्ती की कार्रवाई भी की जा सकती है।